‘मूर्ति भंगार सरकार आर नेई दरकार’: भगवा पगड़ी, सफेद टी-शर्ट और तख्ती ले ममता पर BJP ने बोला हल्ला
मुख्यमंत्री के विवादित बयान के विरोध में भाजपा विधायकों ने नेता विपक्ष शुभेंदु अधिकारी की अगुवाई में ममता सरकार की कथित तुष्टिकरण की राजनीति के विरोध में विधानसभा परिसर में धरना दिया।
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पश्चिम बंगाल के भाजपा विधायकों ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को हिन्दू विरोधी करार देते हुए उनके खिलाफ विधानसभा परिसर में ही विरोध-प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन ममता के उस बयान के बाद किया गया है, जिसमें टीएमसी सुप्रीमो ने कहा था कि महा कुंभ मृत्यु कुंभ बन गया है। विधानसभा में आज बोलते हुए ममता बनर्जी ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र और यूपी सरकार पर हमला बोला था और कहा था कि महाकुंभ मृत्यु कुंभ में तब्दील हो गया है क्योंकि वहां आमजनों के लिए कोई सुविधा नहीं है, जबकि वीवीआईपीज के लिए खास इंतजाम किए गए हैं।
मुख्यमंत्री के विवादित बयान के विरोध में भाजपा विधायकों ने नेता विपक्ष शुभेंदु अधिकारी की अगुवाई में ममता सरकार की कथित तुष्टिकरण की राजनीति के विरोध में विधानसभा परिसर में धरना दिया। इस दौरान सभी विधायक सिर पर भगवा पगड़ी, शरीर पर नारे लिखे सफेद टी-शर्ट और हाथों में नारे लिखे तख्ती थामे हुए थे और नारेबाजी कर रहे थे। ‘मूर्ति भंगार सरकार आर नेई दरकार’ (पूजा पंडालों में तोड़फोड़ रोकने में अक्षम सरकार नहीं चाहिए) जैसे नारे लगाते हुए भाजपा के लगभग 30 विधायक विधानसभा भवन के मुख्य द्वार की ओर जाने वाली सीढ़ियों पर बैठे देखे गए।
ममता बनर्जी की 'मृत्यु कुंभ' वाली टिप्पणी पर सुवेंदु अधिकारी ने कहा, “...मैं हिंदू समुदाय, संत समुदाय से कड़ा विरोध दर्ज कराने की अपील करता हूं। थोड़ी देर पहले सदन (राज्य विधानसभा) में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि यह महाकुंभ नहीं बल्कि 'मृत्यु कुंभ' है। हिंदुओं पर, महाकुंभ पर इस हमले के खिलाफ लोग अपनी आवाज उठाएं... अगर आप सच्चे हिंदू हैं, तो राजनीति से ऊपर उठें और ममता बनर्जी के इन शब्दों का कड़ा विरोध करें...”
इससे एक दिन पहले सोमवार को अधिकारी, अग्निमित्रा पॉल, बंकिम घोष और विश्वनाथ करक समेत चार भाजपा विधायकों को कथित अमर्यादित व्यवहार के लिए निलंबित कर दिया गया था। अधिकारी ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हम किसी समुदाय के खिलाफ नहीं लड़ रहे हैं। हम इस हिन्दू विरोधी सरकार के खिलाफ हैं, जो हाल के दिनों में बंगाल के कुछ हिस्सों में दुर्गा, लक्ष्मी और कार्तिक की मूर्तियों की तोड़फोड़ को रोकने में विफल रही है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम शैक्षणिक संस्थानों में सरस्वती पूजा को रोकने के प्रयास का विरोध करते हैं। राज्य सरकार ने दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।’’ अधिकारी ने कहा कि भाजपा विधायक विधानसभा के बाहर समानांतर सत्र आयोजित करेंगे, जिसमें बहुसंख्यक समुदाय के त्योहारों को दबाने के कथित प्रयास समेत तृणमूल कांग्रेस सरकार के शासन में राज्य के लोगों के सामने आने वाले मुद्दों को उजागर किया जाएगा।
तृणमूल कांग्रेस की ओर से उनके खिलाफ लाए गए विशेषाधिकार प्रस्ताव और विधानसभा अध्यक्ष द्वारा इसे स्वीकार किए जाने के बारे में अधिकारी ने कहा, ‘‘मुझे इस सदन ने तीन या चार बार निलंबित किया है और मेरे खिलाफ पहले भी विशेषाधिकार प्रस्ताव पेश किए गए हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि मैंने लगातार सत्तारूढ़ पार्टी की तुष्टिकरण की नीतियों, भ्रष्टाचार और लोकतंत्र को दबाने के प्रयासों के खिलाफ आवाज उठाई है। लेकिन वे मुझे चुप नहीं करा सकते।’’
अग्निमित्रा पॉल ने दावा किया कि चारों विधायकों का निलंबन एक पूर्व नियोजित रणनीति थी, ताकि उन्हें हिंदू पूजा स्थलों पर बढ़ते हमलों और सरस्वती पूजा जैसी सदियों पुरानी परंपराओं को रोकने के प्रयासों जैसे मुद्दों को उजागर करने से रोका जा सके। पॉल ने कहा, ‘‘हम नहीं चाहते कि पश्चिम बंगाल दूसरा बांग्लादेश बन जाए। हम ममता बनर्जी को उनकी जबरदस्त तुष्टीकरण की नीतियों को जारी रखने की अनुमति नहीं देंगे। हम कुछ महीने पहले बंगाल के विभिन्न हिस्सों में दुर्गा पूजा, लक्ष्मी पूजा और कार्तिक पूजा पंडालों पर हुए हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों की गिरफ्तारी की मांग करते हैं।’’ (एजेंसी इनपुट्स के साथ)
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