महाकुंभ से आ रहे तीर्थयात्रियों से पटा बनारस, 2 दिन में 12 लाख भक्तों ने बाबा विश्वनाथ के किए दर्शन
- शनिवार को 6.39 लाख और रविवार 5.61 लाख भक्तों ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए। काशी तमिल संगमम में आए अतिथियों ने भी दर्शन किया। इनका श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने गंगा द्वार पर पुष्पवर्षा और डमरू के नाद से भव्य स्वागत किया। 14 फरवरी को 7.32 लाख और 13 फरवरी को 8.26 लाख भक्तों ने दर्शन किए थे।
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Kashi Vishwanath Darshan: प्रयागराज से काशी आ रहे तीर्थयात्रियों से शहर पटा हुआ है। शनिवार और रविवार को कुछ ज्यादा ही भीड़ देखने को मिली। शनिवार को 6.39 लाख और रविवार 5.61 लाख भक्तों ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए। काशी तमिल संगमम में आए अतिथियों ने भी दर्शन किया। इनका श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने गंगा द्वार पर पुष्पवर्षा और डमरू के नाद से भव्य स्वागत किया। न्यास की ओर से डिप्टी कलेक्टर शंभू शरण और अन्य अधिकारियों ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। अतिथियों ने पूरी श्रद्धा से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन किया। मंदिर न्यास के डिप्टी कलेक्टर ने श्री काशी विश्वनाथ धाम में उपलब्ध सुविधाओं और दर्शन पूजन की व्यवस्था के बारे में अतिथियों को विस्तार से जानकारी दी।
इसके पहले 14 फरवरी को 7.32 लाख और 13 फरवरी को 8.26 लाख भक्तों ने बाबा के दर पर हाजिरी लगाई थी। 12 को 7.78 लाख और 11 फरवरी को 7.19 लाख भक्त मंदिर में दर्शन करने पहुंचे थे। रविवार को विश्वनाथ धाम और घाटों को जाने वाले सभी मार्गों और गलियों में भीड़ का रेला लगा था। कहीं भी पैर रखने की जगह नहीं बची थी। गोदौलिया-मैदागिन मार्ग पर चारों तरफ से भीड़ का दबाव था। जिधर देखो उधर सिर ही सिर नजर आ रहे थे।
वहीं, गिरजाघर-नई सड़क-बेनिया मार्ग पर भी भीड़ का अत्यधिक दबाव रहा। गिरजाघर चौराहे से आगे निकलना किसी जंग के कम नहीं था। यहां चारों तरफ बैरिकेडिंग किये जाने से पैदल निकलना मुश्किल था। यहां भी लक्सा, रेवड़ी तालाब, गोदौलिया और नई सड़क की तरफ से चौतरफा भीड़ पहुंच रही थी। बुलानाला, चौक, बांसफाटक की तरफ पहुंचने में भी मशक्कत करनी पड़ रही थी। दोपहर बाद अचानक भीड़ बढ़ी तो मंदिर के आसापास भी जाम हो गया। गंगा घाट पर भी जाम की स्थिति रही। भीड़ नियंत्रित करने और जाम छुड़ाने में पुलिस के जवानों और अधिकारियों की सांसें फूलती रहीं।
सुबह 11 बजे के आसपास भीड़ का दबाव बढ़ा तो गिरजाघर चौराहे पर तैनात पुलिस के जवानों ने तीर्थयात्रियों को अलग-अलग रास्तों पर मोड़ रहे थे। ताकि भीड़ अन्य रास्तों पर बंट जाए और गोदौलिया-ज्ञानवापी मार्ग पर दबाव कम हो सके। हालांकि इसे लेकर तीर्थयात्रियों और पुलिसकर्मियों में नोकझोंक भी हुई।
एडीसीपी ने फर्स्ट एड दिलवाया, पहुंचाया अस्पताल
दशाश्वमेध घाट के समीप रविवार दोपहर एक व्यक्ति को चोट लग गई। सीढ़ी चढ़ते समय उसका पैर फिसल गया था। लोगों ने पुलिस को सचूना दी। एडीसीपी काशी सरवणन टी मौके पर पहुंचे और सबसे पहले फर्स्ट एड दिलवाया। इस बीच एंबुलेंस बुला ली गई। लेकिन एंबुलेंस के पहुंचने पर विलंब पर एडीसीपी ने अपने चालक हेड कांस्टेबल कृष्णा पांडेय और अन्य पुलिसकर्मियों के साथ घायल को मारवाड़ी अस्पताल भेजकर भर्ती कराया।
हाईवे पर चौतरफा वाहनों का रेला
महाकुंभ पलट प्रवाह के चलते हाईवे लगातार जाम चल रहा है। रविवार को भी प्रयागराज-कोलकाता, बाबतपुर-वाराणसी, रिंगरोड, मोहनसराय पैक था। वाहनों की लंबी कतार थी। पर्किंग फुल होने से सड़कों के किनारे और खेतों में लोगों ने वाहन पार्क कर दिये थे। इसके बाद शहर में प्रवेश करने में काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है। गंगा घाट और धाम पहुंचने के लिए कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ा।
5 किलोमीटर तक दिख रहे थे वाहन
हरहुआ में रविवार को पांच किलोमीटर तक सिर्फ भीड़ और वाहन दिख रहे थे। रिंगरोड चौराहे से फेस 1 और फेस 2 की दोनों लेन और बाबतपुर-वाराणसी फोरलेन के दोनों तरफ वाहन खड़े थे। रिंगरोड चौराहे से गेल के पास तक दोनों तरफ की सर्विस लेन पार्किंग में तब्दील हो चुकी थी। फेस-2 पर एक लॉन और उसके आगे बनी पार्किंग में जगह न होने से तीर्थयात्रियों ने वाहन खेतों में पार्क कर दिए थे।
राष्ट्रीय राज्यमार्ग-19 पर रहा भीषण जाम
वहीं राष्ट्रीय राज्यमार्ग-19 पर भी रविवार को भीषण जाम रहा। विश्वसुंदरी पुल से डाफी टोल प्लाजा तक वाहनों की लाइन थी। प्रयागराज से बिहार, बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश जाने वाले लोग जाम में फंसे रहे। वहीं, डाफी चौराहे से नारायणपुर चौराहे तक हाइवे का सर्विस मार्ग भी जाम है। इससे स्थानीय लोगों को परेशानी हुई।