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महाकुंभ में वक्फ बोर्ड खत्म करने और सनातन बोर्ड बनाने की मांग, मांगी पीएम मोदी-सीएम योगी से दक्षिणा

  • दुनिया के सबसे बड़े मेले में पहुंचे संतों- महंतों ने सरकार से सनातन बोर्ड के गठन की मांग की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को महाकुम्भ का यजमान बताते हुए दो दक्षिणा मांगी। एक तो वक्फ बोर्ड समाप्त हो और दूसरा सनातन बोर्ड का गठन किया जाए।

Srishti Kunj हिन्दुस्तान, मुख्य संवाददाता, प्रयागराजFri, 24 Jan 2025 07:56 AM
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महाकुंभ में वक्फ बोर्ड खत्म करने और सनातन बोर्ड बनाने की मांग, मांगी पीएम मोदी-सीएम योगी से दक्षिणा

दुनिया के सबसे बड़े मेले में पहुंचे संतों- महंतों ने सरकार से सनातन बोर्ड के गठन की मांग की है। गुरुवार को अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवीन्द्र पुरी की अगुवाई में बुलाई गई प्रेसवार्ता में संतों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को महाकुम्भ का यजमान बताते हुए दो दक्षिणा मांगी। एक तो वक्फ बोर्ड समाप्त हो और दूसरा सनातन बोर्ड का गठन किया जाए। संतों ने एक स्वर में कहा कि हमें सरकार से सनातन बोर्ड की जरूरत है और इसके बिना महाकुम्भ नहीं छोड़ेंगे।

कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि हमें अपने उद्देश्य को आगे बढ़ाने के लिए सनातन बोर्ड की जरूरत है। उन्होंने 27 जनवरी को सेक्टर 17 स्थित शिविर में होने जा रहे सनातन धर्म संसद में 'सनातन बोर्ड' के संविधान का मसौदा प्रस्तुत करने की भी घोषणा की। कहा कि 27 जनवरी 'धर्म की स्वतंत्रता का दिवस' के रूप में मनाया जाएगा और धर्म संसद में सभी अखाड़ों, चारों शंकराचार्यों के प्रतिनिधियों और सनातन धर्म से जुड़े व्यक्ति शामिल रहेंगे। महंत रवींद्र पुरी ने अपील की कि महाकुम्भ में जितने भी संत-महंत, कथावाचक हैं वह अपना-अपना काम छोड़कर 27 जनवरी को धर्म संसद में शामिल हों।

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सनातन बोर्ड की मांग नहीं, घोषणा होगी

जूना अखाड़े के महंत स्वामी यतीन्द्रानंद गिरि ने कहा कि हम सनातन बोर्ड लेकर रहेंगे। आनंद अखाड़े के पीठाधीश्वर स्वामी बालकानंद गिरि ने कहा कि सनातन परंपरागत है, पूरे विश्व में व्याप्त है। आज आवश्यकता है हम अपने मठ-मंदिरों को बचाएं। इसके लिए सनातन बोर्ड की अति आवश्यकता है। धर्म संसद में सनातन बोर्ड की मांग नहीं उठेगी, घोषणा होगी।

बोर्ड के गठन के बाद ही कुम्भ से जाएंगे

उज्जैन के अरजी हनुमान जी मंदिर के महंत स्वामी प्रेमानंद पुरी ने कहा जितने बोर्ड बने 200 साल के हैं। ये आर्यावर्त है जहां सिर्फ एक ही धर्म था सनातन। हमें दक्षिणा चाहिए और यजमान हमारा तगड़ा है। सनातन बोर्ड का गठन होने के बाद ही कुम्भ से कूच करेंगे। बोर्ड के रूप में हमें संवैधानिक संस्था चाहिए।

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