कृष्ण, कंस-रावण और दुर्योधन से तुलना, UP विधानसभा में वार-पलटवार पर फिर बवाल
- यूपी विधानसभा में बजट सत्र जारी है। मंगलवार को यूपी विधानसभा के नेता विपक्ष माता प्रसाद पांडेय के बयान पर बवाल शुरू हो गया है। जैसा कृष्ण से कंस डरा रहता था वैसा ही कुछ लोग है जो अखिलेश यादव से डरे रहते हैं। यूपी विधानसभा में हंगामा होने लगा। बृजेश पाठक ने इस पर पलट वार किया।
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यूपी विधानसभा बजट सत्र के आठवें दिन की शुरुआत भी हंगामे से भी हुई। मंगलवार को नेता विरोधी दल माता प्रसाद पांडे का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर विवादित बयान दिया। माता प्रसाद पांडेय ने कंस की कहानी सुनाते हुए कहा कि जैसा कृष्ण से कंस डरा रहता था वैसा ही कुछ लोग है जो अखिलेश यादव से डरे रहते हैं। इसके बाद ब्रजेश पाठक ने इसका जवाब देते हुए समाजवादियों की तुलना कंस, रावण और दुर्योधन से कर दी। कहा कि जब इनकी सरकार होती है तब तब ये लूट डकैत व्यभिचार करते हैं। इनका आचरण कंस जैसा है। इनका आचरण रावण जैसा हैं। ब्रजेश पाठक सपा के डीएनए में सनातम धर्म को लेकर हमेशा ठेस पहुंचने की बात करते है। हमेशा ये लोग सनातम धर्म के लिए टिप्पणी करते रहते है। वहीं डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि महाकुंभ की बेहतर व्यवस्था सपा जैसे मानसिकता वालों के मुंह पर तमाचा है। महाशिवरात्रि के स्नान की बेहतर व्यवस्था महाकुंभ में की गई है।
इससे पहले विधानसभा में सोमवार को डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक द्वारा सपा संस्थापक पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के कथन का उल्लेख करते हुए तंज करने पर समाजवादी पार्टी के सदस्य बिफर गए थे। उन्होंने डिप्टी सीएम द्वारा मुलायम सिंह यादव का अपमान करने का मुद्दा उठाते हुए जमकर हंगामा किया था। नारेबाजी करते हुए सपा सदस्य वेल में उतर आए और धरने पर बैठ गए।
इसके बाद मुख्यमंत्री योगी ने विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते समय सपा पर जमकर हमला किया। उन्होंने कहा कि सपा दलितों की बात तो करती है, लेकिन उसका अपमान किसी से छिपा नहीं है। स्टेट गेस्ट हाउस कांड इसका उदाहरण है। उन्होंने सदन में यह भी बताया कि प्रदेश में 30 हजार और सिपाहियों की भर्ती होगी और प्रदेश में अच्छी शिक्षा देने के लिए न्याय पंचायत स्तर तक कंपोजिट विद्यालय खोले जाएंगे, जिसमें प्राइमरी से इंटर तक बच्चों को शिक्षा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि डा. भीमराव अंबेडकर, कांशीराम और अन्य दलित-पिछड़े महापुरुषों को समाजवादी पार्टी और विपक्ष की सरकारों ने कभी सम्मान नहीं दिया। डबल इंजन की सरकार ने पंच तीर्थों का निर्माण और अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर की स्थापना की। समाजवादी पार्टी के कृत्य को दुनिया ने अपनी आंखों से देखा है, उसको कहीं से भी क्लीन चिट मिल जाए फिर भी वे अपने पाप छुटकारा नहीं पा सकते हैं।