बोले उन्नाव : शहरी क्षेत्र में जोड़ा पर समस्याओं ने नहीं छोड़ा
Unnao News - अकरमपुर के वार्ड-11 में लोग नगर पालिका की कार्यशैली से परेशान हैं। यहां सफाई कर्मियों की कमी और दूषित पानी से स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही हैं। स्थानीय लोग लंबे समय से विकास की कमी का सामना कर रहे हैं।...
औद्योगिक इलाके से सटे वार्ड-11 अकरमपुर में पालिका की कार्यशैली से लोग परेशान हैं। यहां सफाई कर्मियों की गैरहाजिरी से जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा है। नालियां चोक हो चुकी हैं। नलों से दूषित पानी आने से लोग पेट संबंधी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से लोगों ने अपनी समस्याएं बताईं। सभी ने एकसुर में कहा कि दो दशक से अधिक समय पहले हमारा इलाका नगर पालिका में जोड़ा गया था, लेकिन अब तक सुविधाओं से वंचित हैं। लोगों ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्र को सिर्फ सरकारी अभिलेख में नगरीय क्षेत्र में जोड़ने मात्र से विकास नहीं हो जाता है। विकास के लिए धरातल पर काम करना पड़ता है।
इस वार्ड के आसपास कई औद्योगिक कारखाने हैं। इसको मुख्यत: मिश्रित आबादी वाला वार्ड माना जाता है। यदि मौलिक सुविधाओं की बात की जाए तो यहां स्वास्थ्य सुविधा के रूप में कुछ प्राइवेट क्लीनिक हैं। इसके अलावा प्राइवेट स्कूल और कोचिंग सेंटर हैं। घनी आबादी होने के कारण मूलभूत सुविधाओं की यहां ज्यादा जरूरत है। इसी क्षेत्र में नई बस्तियां विकसित हो रही हैं। जलभराव की समस्या से लोग परेशान हैं। जलनिकासी के लिए नाले न होने से स्थितियां और भी बदतर हो रही हैं। इसके अलावा अमृत योजना के तहत पानी की पाइपलाइन डालने के लिए कई जगहों की सड़कें तोड़ दी गईं, लेकिन इन्हें अब तक दुरुस्त नहीं किया गया। इससे आवागमन में लोगों को काफी दिक्कतें हो रही हैं। सफाई के लिए कई बार पालिका के जिम्मेदारों से लिखित और मौखिक शिकायत की गई। इसके बावजूद किसी ने सुध नहीं ली। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से चर्चा के दौरान अनिल ने बताया कि यहां कूड़ा डालने की कोई स्थायी जगह नहीं है। इधर-उधर कूड़ा डालने को मजबूर हैं। कुछ लोग कचरे के ढेर में आग भी लगा देते हैं। इससे लोगों को सांस संबंधी कई बीमारियां हो रही हैं।
चार साल पहले बना शौचालय, आज तक नहीं खुला ताला
सुरेंद्र सिंह ने बताया कि महीनों से नाली की सफाई नहीं हुई है। सड़कें चलने लायक नहीं हैं। निदान कब होगा, इसका इंतजार रहता है। इसी बात को आगे बढ़ाते हुए संजय राठौर ने बताया कि बारिश में समस्या और बढ़ जाती है। नालों की सफाई न होने से बरसात का पानी फिर सड़कों पर भरेगा। आवागमन में मुश्किलें आती हैं। सड़कें गड्ढों में तब्दील हो चुकी हैं। मनोज सिंह ने बताया कि सालों से वार्ड के कई मोहल्लों की नालियों की सफाई नहीं हुई है। दानिश ने बताया कि चार वर्ष पहले नगर पालिका की ओर से सामुदायिक शौचालय बनाया गया था। जबसे शौचालय बना है, तभी से उसमें ताला ही लटका रहता है। फैक्ट्री में काम करने वाले श्रमिकों को इससे काफी दिक्कत होती है, क्योंकि दूरदराज के लोग यहां काम करने आते हैं।
बल्लियों के सहारे दौड़ रही बिजली
इलाके में तेजी से नई बस्तियां विकसित हो रही हैं, लेकिन यहां बिजली सप्लाई के लिए विभाग की ओर से पोल नहीं लगाए गए हैं। वर्षों पुरानी बस्तियों में आज भी बल्लियों के सहारे करंट दौड़ाया जा रहा है। लोगों ने कई बार बिजली विभाग से खंभे लगवाने के लिए शिकायत की, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। शांति ने बताया कि पोल न लगे होने से स्ट्रीट लाइटें भी नहीं लगी हैं। शाम के समय मोहल्ले के रास्तों में अंधेरा हो जाता है। इसका फायदा उठाकर इन रास्तों में आराजकतत्वों का जमावड़ा लगा रहता है। पुलिस की गश्त भी नहीं होती है। इस कारण लोगों को शाम के बाद घर से निकलने में डर लगता है।
नलों से निकल रहा दूषित पानी
घनी और मिश्रित आबादी में सफाई कर्मियों के न आने से लोग गंदगी परेशान हैं। इसके अलावा कूड़ा गाड़ी भी नहीं आती है। इस कारण लोगों को मजबूरन आग लगानी पड़ती है। शोएब कहते हैं कि एक ओर औद्योगिक एरिया दूसरी ओर कूड़े से निकलने वाला धुआं लोगों में सांस संबंधी बीमारियां पैदा कर रहा है। इसके अलावा यहां पेयजल की बड़ी किल्लत है। इंडियामार्का हैंडपंपों से पानी नहीं निकल रहा है। जिनमें पानी आता भी है, वह दूषित है। शिवराम ने बताया कि अशुद्ध पानी पीने से पेट संबंधी बीमारियां जकड़ रही हैं।
आरओ युक्त वाटर कूलर की दरकार
अकरमपुर औद्योगिक क्षेत्र से सटा है। इसलिए यहां प्रदूषण अधिक रहता है। भूगर्भ जल भी दूषित हो चुका है। बिना फिल्टर किया हुआ पानी किसी कीमत पर पीने योग्य नहीं है। ऐसे में यहां पेयजल के लिए आरओ युक्त वाटर कूलर लगाए जाने की सख्त जरूरत है, क्योंकि गर्मी के बढ़ते प्रकोप के साथ ही पीने के पानी की किल्लत भी बढ़ जाती है। वाटर कूलर लगने से राहगीरों को भी पानी के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा।
दूरी अधिक होने के कारण वार्ड उपेक्षित
राजू ने बताया कि यह वार्ड इलाके का आखिरी क्षेत्र है। इसलिए हमें वह सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं, जो आबादी से सटे पालिका क्षेत्र में रहती हैं। शहर से यह इलाका आठ किलोमीटर से ज्यादा की दूरी पर है। इस कारण उपेक्षित भी है। वहीं, इलाके में बच्चों के लिए कोई बेहतर पार्क न होने से खेल से जुड़ी प्रतिभाओं को दूसरे इलाके की ओर रुख करना पड़ रहा है। मोहल्ले की निवासी शंकर ने बच्चों के लिए पार्क बनवाने की मांग की है।
सुझाव
1. अमृत योजना के तहत खोदी गई सड़कों की तत्काल मरम्मत कराई जाए। टूटी सड़के दुरुस्त हों ताकि आवागमन में परेशानी न हो।
2. बंद पड़े सामुदायिक शौचालय का संचालन शुरू हो। एक और शौचालय का निर्माण कराया जाए।
3. प्रमुख स्थानों पर आरओ युक्त पेयजल पानी का इंतजाम किया जाए।
4. वार्ड में प्रतिदिन सफाई कर्मी आएं और गाड़ी नियमित कूड़ा उठान करे।
5. बल्लियों को हटाकर विद्युत पोल लगाए जाएं ताकि हादसों का डर खत्म हो।
6. नगर पालिका लोगों की समस्याओं के निस्तारण के लिए अधिकारियों को वार्ड में भेजे।
शिकायतें
1. कूड़ा गाड़ियों के न आने से लोग खाली प्लॉटों में कूड़ा डाल रहे हैं।
2. चार साल पहले बने सामुदायिक शौचालय का ताला आज तक नहीं खुला है।
3. पीने के पानी का कोई प्रबंध नहीं है। ज्यादातर इंडियामार्का खराब हैं। जो सही हैं, उनसे दूषित पानी निकलता है।
4. बिजली व्यवस्था बड़ी खराब है। बिजली पोल न लगने से बल्लियों के सहारे केबल घर तक ले जा रहे हैं।
5. नालियों की सफाई न होने से गंदा पानी सड़कों में भर रहा है। बारिश में दिक्कत और बढ़ जाती है।
6. आरओ युक्त पानी की व्यवस्था न होने से लोग दूषित पानी पीकर गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।
बोले बाशिंदे
सफाई कर्मियों के न आने से वार्ड की सफाई ठीक ढंग से नहीं होती है। जरा सी बारिश में मोहल्ला टापू बन जाता है। बहुत दिक्कत होती है। -विमला
वार्ड की सबसे बड़ी समस्या कूड़ा निस्तारण की है। नियमित गाड़ी आए तो खाली प्लॉटों में लोग कचरा फेंकना बंद कर दें। - अनीता
विकास के नाम पर पालिका प्रशासन ने महज खानापूर्ति की है। दावे लाख किए जाते हैं, लेकिन विकास के नाम पर कुछ नहीं होता है। - मीनू
अधिकांश मार्ग जर्जर हो गए हैं। अमृत योजना ने और समस्याएं बढ़ा दी हैं। जर्जर सड़कों की मरम्मत कराई जाए ताकि परेशानी खत्म हो। - राजू
वार्ड से कूड़ा नहीं उठाया जाता है। सफाई कर्मियों के न आने से लोग मोहल्ले की नालियां खुद ही साफ करने को मजबूर हैं। - विमला
बोलीं जिम्मेदार
सफाई कर्मियों को नियमित भेजेंगे
अकरमपुर में सफाई के लिए कर्मियों को नियमित इलाके में भेजा जाएगा। हवलदार लगाकर उनकी ड्यूटी की निगरानी भी कराई जाएगी। कूड़ा गाड़ी भेजने के साथ ही शौचालय का संचालन जल्द शुरू कराया जाएगा। गंदगी को उठवाकर कचरे का निस्तारण कराया जाएगा। -रश्मि पुष्कर, सफाई निरीक्षक
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