रामजीलाल सुमन को मिल रही जान से मारने की धमकी, विरोध में कल सपा करेगी प्रदर्शन, तैयारी जारी
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन को करणी सेना लगातार जान से मारने की धमकी दे रही है। उन पर दो बार हमले भी हो चुके हैं। इसे लेकर पार्टी ने प्रदेश भर में एक मई को जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन का ऐलान किया है।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन को करणी सेना लगातार जान से मारने की धमकी दे रही है। उन पर दो बार हमले भी हो चुके हैं। इसे लेकर पार्टी ने प्रदेश भर में एक मई को जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन का ऐलान किया है। आगरा में भी गुरुवार को प्रदर्शन की तैयारी की गई है। प्रदेश अध्यक्ष श्यामलाल पाल ने इसके निर्देश जारी कर दिए हैं। उनके पत्र के मुताबिक सांसद सुमन को जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। इसी क्रम में 26 मार्च को उनके आवास पर जानलेवा हमला किया गया।
इसके अलावा 27 अप्रैल को बुलंदशहर जाते समय अलीगढ़ में उनके काफिले पर करणी सेना ने हमला किया। ऐसे अराजक तत्वों के खिलाफ सरकार और प्रशासन कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं। इससे स्पष्ट है कि करणी सेना को सरकार का खुला समर्थन प्राप्त है। इससे सरकार की दलित विरोधी मानसिकता उजागर होती है। इसलिए एक मई को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर धरना और विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। आगरा में भी कलक्ट्रेट पर धरना होगा। इसके बाद जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा जाएगा।
यह रहेंगे अनिवार्य रूप से शामिल
सभी जिला और महानगर अध्यक्ष, सांसद, पूर्व सांसद, विधायक, पूर्व विधायक, विधान परिषद सदस्य, पूर्व विधान परिषद सदस्य, जिला पंचायत अध्यक्ष, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष, राष्ट्रीय, राज्य कार्यकारिणी के पदाधिकारी और सदस्य, सभी संबद्ध प्रकोष्ठों के राष्ट्रीय, प्रदेश, जिला, महानगर अध्यक्ष और सभी प्रमुख और वरिष्ठ नेतागणों की सहभागिता अनिवार्य होगी।
जिलाध्यक्ष, श्रीकृष्ण वर्मा ने कहा कि सरकार की दलित, पिछड़ा और अल्पसंख्यक विरोधी मानसिकता अब उजागर हो गई है। हमले की आरोपी करणी सेना पर अभी तक कोई कार्यवाही न होना इसका सबूत है। एक मई को पूरी ताकत के साथ धरना दिया जाएगा। महानगर अध्यक्ष, वाजिद निसार ने कहा कि जिनके नाम एफआईआर है, वो लोग गढ़ी रामी में हथियार लहराकर चले गए। जबकि वहां कई जिलों का फोर्स तैनात था। इससे साफ है कि करणी सेना के पीछे भाजपा ही है। धरना-प्रदर्शन सरकार के खिलाफ आंदोलन की शुरूआत है।