Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Strictness on no helmet no petrol now spies of UP Transport Department will monitor strict action will be taken

नो हेलमेट, नो पेट्रोल पर सख्ती, अब परिवहन विभाग के ‘जासूस’ करेंगे निगरानी, होगी कड़ी कार्रवाई

  • यूपी में नो हेलमेट, नो पेट्रोल पर सख्ती और बढ़ा दी गई है। परिवहन विभाग और ट्रैफिक महकमा गुपचुप तरीके से अपने कुछ कर्मचारियों की डयूटी इनकी निगरानी के लिए लगा रहे हैं। दोनों विभागों के ये ‘जासूस’ अपनी रिपोर्ट अफसरों को सौंपेंगे। इसके बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

Deep Pandey हिन्दुस्तानMon, 24 Feb 2025 07:10 AM
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नो हेलमेट, नो पेट्रोल पर सख्ती, अब परिवहन विभाग के ‘जासूस’ करेंगे निगरानी, होगी कड़ी कार्रवाई

यह खबर उन पेट्रोल पम्प संचालकों के लिए चेतावनी भरी है जो सख्त निर्देश के बाद भी बिना हेलमेट आने वाले वाहन चालकों को पेट्रोल दे रहे हैं। सीट बेल्ट न बंधी होने पर भी उन्हें ईधन दे रहे हैं। इसके साथ ही सरकारी विभागों में इन ट्रैफिक नियमों का पालन न करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रवेश दिया जा रहा है। इन सभी पर जल्दी ही सख्त कार्रवाई शुरू होगी।

इसके लिए परिवहन विभाग और ट्रैफिक महकमा गुपचुप तरीके से अपने कुछ कर्मचारियों की डयूटी इनकी निगरानी के लिए लगा रहे हैं। दोनों विभागों के ये ‘जासूस’ अपनी रिपोर्ट अफसरों को सौंपेंगे, इसके बाद ही पम्प संचालकों और दोषी मिले सरकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी।

फोटो व वीडियो रिकार्डिंग कर रिपोर्ट सौंपेगे

परिवहन विभाग के अफसरों के मुताबिक, जांच टीम गुपचुप तरीके से पेट्रोल पम्प पर पहुंचेगी और वहां की स्थिति के हिसाब से बिना हेलमेट वाले वाहन चालकों को ईधन देने का फोटो खीचेंगी। वीडियो रिकार्डिंग करेगी। शुरुआत में जहां नियम तोड़ने की ऐसे मामले ज्यादा होंगे, वहां की रिपोर्ट पहले तैयार की जाएगी। इसके बाद पम्प संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसी तरह सरकारी विभागों में मुख्य प्रवेश द्वार पर भी ये टीम निगरानी करेगी।

भयावह तस्वीर के बाद उठाया गया कदम

सड़क सुरक्षा समिति में बीते पांच सालों के सड़क हादसे और उनमें होने वाली मौतों का जो ब्योरा पेश किया गया, उसको लेकर समिति ने काफी गम्भीर रुख अपनाया है। समिति के सामने परिवहन विभाग ने सड़क हादसों का जो आंकड़ा पेश किया था, उसके मुताबिक वर्ष 2022 में 41746 सड़क हादसों में 22595 मौतें हुई थी। वर्ष 2023 में 44534 सड़क हादसे हुए जिसमें 23652 लोगों की मौत हुई थी। वर्ष 2024 में 46052 सड़क हादसों में 24118 लोगों की मौतें हुई।

ये भी पढ़ें:बाइक पर बैठे 4 साल से अधिक उम्र के बच्चे को भी हेलमेट जरूरी, उल्लंघन पर कार्रवाई

यह खबर उन पेट्रोल पम्प संचालकों के लिए चेतावनी भरी है जो सख्त निर्देश के बाद भी बिना हेलमेट आने वाले वाहन चालकों को पेट्रोल दे रहे हैं। सीट बेल्ट न बंधी होने पर भी उन्हें ईधन दे रहे हैं। इसके साथ ही सरकारी विभागों में इन ट्रैफिक नियमों का पालन न करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रवेश दिया जा रहा है। इन सभी पर जल्दी ही सख्त कार्रवाई शुरू होगी।

इसके लिए परिवहन विभाग और ट्रैफिक महकमा गुपचुप तरीके से अपने कुछ कर्मचारियों की डयूटी इनकी निगरानी के लिए लगा रहे हैं। दोनों विभागों के ये ‘जासूस’ अपनी रिपोर्ट अफसरों को सौंपेंगे, इसके बाद ही पम्प संचालकों और दोषी मिले सरकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी।

फोटो व वीडियो रिकार्डिंग कर रिपोर्ट सौंपेगे

परिवहन विभाग के अफसरों के मुताबिक, जांच टीम गुपचुप तरीके से पेट्रोल पम्प पर पहुंचेगी और वहां की स्थिति के हिसाब से बिना हेलमेट वाले वाहन चालकों को ईधन देने का फोटो खीचेंगी। वीडियो रिकार्डिंग करेगी। शुरुआत में जहां नियम तोड़ने की ऐसे मामले ज्यादा होंगे, वहां की रिपोर्ट पहले तैयार की जाएगी। इसके बाद पम्प संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसी तरह सरकारी विभागों में मुख्य प्रवेश द्वार पर भी ये टीम निगरानी करेगी।

भयावह तस्वीर के बाद उठाया गया कदम

सड़क सुरक्षा समिति में बीते पांच सालों के सड़क हादसे और उनमें होने वाली मौतों का जो ब्योरा पेश किया गया, उसको लेकर समिति ने काफी गम्भीर रुख अपनाया है। समिति के सामने परिवहन विभाग ने सड़क हादसों का जो आंकड़ा पेश किया था, उसके मुताबिक वर्ष 2022 में 41746 सड़क हादसों में 22595 मौतें हुई थी। वर्ष 2023 में 44534 सड़क हादसे हुए जिसमें 23652 लोगों की मौत हुई थी। वर्ष 2024 में 46052 सड़क हादसों में 24118 लोगों की मौतें हुई।

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ट्रैफिक नियम का पालन न कराने पर सख्ती होगी

अपर परिवहन आयुक्त सड़क सुरक्षा पुष्पसेन सत्यार्थी का कहना है कि यूनिवर्सिटी और कालेज में पत्र लिखा गया है। नो हेलमेट नो फ्यूल अभियान को सफल कराने के लिए अभियान चल रहा है। पेट्रोल पम्पों पर उनकी टीम निगरानी कर रिपोर्ट तैयार कर रही है। जल्दी ही नियमों का उल्लंघन करने वाले संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसी तरह सरकारी विभाग में भी कार्रवाई के लिए पत्र लिखा जाएगा।

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