आत्मशुद्धि और मोक्ष का मार्ग है श्रीमद्भागवत कथा
Siddhart-nagar News - इटवा के मधवापुर गांव में चल रही नौ दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन, आचार्य मुरारीधर पांडेय ने धुंधकारी की कथा सुनाई। उन्होंने बताया कि यह कथा आत्मशुद्धि और मोक्ष का मार्ग है। धुंधकारी ने अपने...

इटवा, हिन्दुस्तान संवाद इटवा क्षेत्र के मधवापुर गांव में चल रहे नौ दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन शुक्रवार रात कथा वाचक आचार्य मुरारीधर पांडेय ने धुंधकारी की कथा सुनाई। उन्होंने बताया कि श्रीमद्भागवत मात्र कथा नहीं, आत्मशुद्धि और मोक्ष का मार्ग है। उन्होंने बताया कि धुंधकारी एक पापी, दुराचारी ब्राह्मणपुत्र था, जिसने अपने माता-पिता की हत्या कर दी और गलत महिलाओं के साथ भोग में लिप्त रहा। मृत्यु के बाद वह प्रेत बन गया और श्राद्धादि कर्मों से भी मुक्ति न पा सका। लेकिन जब उसके भाई गोकर्ण ने भागवत कथा सुनाई तब उसकी आत्मा को शांति मिली। उन्होंने कहा कि यह प्रसंग इस बात का प्रमाण है कि भागवत कथा पापियों को भी उद्धार का मार्ग दिखाती है।
कथा सुनने से मानव का कल्याण होता है और जीवन धर्म-नीति के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। कथा के दौरान राम बहाऊ यादव, अकालमती, नंदलाल, राम सुरेश, राम सेवक, प्रह्लाद मौर्य, खुशीराम, संदीप आदि मौजूद रहे।
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