अयोध्या में कल दूसरी प्राण प्रतिष्ठा, आधे घंटे के अभिजीत मुहूर्त में मुख्य पूजा, योगी करेंगे आरती
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। गुरुवार पांच जून को अभिजीत मुहूर्त में प्राण प्रतिष्ठा होगी। योगी आदित्यनाथ भी इस दौरान मौजूद रहेंगे और आरती उतारेंगे।

राम मंदिर के भूतल तल पर रामलला के रूप में बालक राम की प्राण-प्रतिष्ठा पिछले साल 22 जनवरी को हो चुकी है। अब प्रथम तल पर राजा राम के रूप में उनके दरबार की प्रतिष्ठा हो कल यानी गुरुवार को होगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भगवान के विग्रह का नेत्रोन्मिलन कर आरती उतारेंगे। अभिजित मुहूर्त में पूर्वाह्न 11.30 बजे से मध्याह्न 12 बजे के मध्य प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष महंत गोविंद देव गिरि ने कहा कि गंगा दशहरा के पर्व पर निकाला गया यह मुहूर्त बहुत ही शुभ है। उन्होंने कहा कि यह भी सुखद संयोग है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इसी दिन जन्म दिवस भी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अपने जन्म दिवस के अवसर पर राजा राम की प्रतिष्ठा के अनुष्ठान में हिस्सा लेंगे। उन्होंने बताया कि राम दरबार का श्रीविग्रह कहने के लिए मकराना के खदान से लिया गया मार्बल है लेकिन यह विशेष प्रकार का पाषाण खंड है।

इससे निर्मित भगवान के दिव्य विग्रह में समय के साथ चमक बढ़ती जाएगी। उन्होंने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा में अलग-अलग आठ मंदिरों के साथ एक को छोड़कर सम्पूर्ण शिखर व द्वारों की भी प्रतिष्ठा हो जाएगी। उन्होंने बताया कि शेषावतार मंदिर के शिखर के अलावा सभी मंदिरों के शिखर ध्वजारोहण दीपावली के बाद निर्धारित मुहूर्त में किया जाएगा।
गिरि का कहना है कि विश्व में मुगल आक्रांताओं के द्वारा ध्वस्त किए गए पहले मंदिर के रूप में राम मंदिर का पुनर्निर्माण हुआ है। यह सनातन धर्मावलंबियों के लिए गौरव का विषय है। रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा से देश में खुशहाली आई है और हमारा विश्वास है कि राजा राम की प्रतिष्ठा से सुख-शांति और समृद्धि आएगी।
रामलला का दर्शन करने कई हस्तियां आ रहीं
गिरि ने कहा कि रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा में देश के विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियों का आगमन हुआ। इसके अलावा देशी-विदेशी राजनयिक और वहां की सरकारों के प्रभावशाली नेताओं का भी आगमन हुआ। अब राजा राम की प्रतिष्ठा हो रही है तो दुनिया के सबसे अमीर अमेरिकी उद्योग पति एलन मस्क के पिता एरोन मस्क भी यहां आ रहे हैं। यह सब लक्ष्मी पति विष्णु के अवतारी भगवान राम की ही, कृपा है।
श्रीसीताराम के रुप में युगल दर्शन को ही माना गया है पूर्ण दर्शन: महंत सत्य नारायण दास
अयोध्या। राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा उनके जन्म स्थान की मान्यता की दृष्टि से की गयी। अब राम दरबार की प्राण-प्रतिष्ठा के साथ सभी संत-साधको व श्रद्धालुओं को पूर्ण दर्शन का लाभ मिलेगा। यह कहना है श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की धार्मिक न्यास समिति के सदस्य व राम कुंज कथा मंडप के उत्तराधिकारी महंत सत्य नारायण दास का। वह कहते हैं कि अयोध्या की उपासना परम्परा हो अथवा मिथिला की परम्परा दोनों में ही युगल रुप में श्रीसीताराम के दर्शन को ही पूर्ण दर्शन माना गया है। उन्होंने कहा कि जगजननी जानकी भगवान की आह्लादिनी शक्ति है। शक्ति के बिना पूर्णता कैसे आएगी। उन्होंने यह भी कहा कि वैष्णव परम्परा में जानकी जी को जीवाचार्य माना गया है। गुरु परम्परा की वंदना में श्रीसीता जी की प्रथम वंदना की जाती है। इस वंदना में सीता नाथ समारंभ असमदाचार्य पर्यांताम्, रामानंदाचार्य मध्य मां, वंदे गुरु परम्पराम् । उन्होंने यह भी कहा कि राजा राम की प्रतिष्ठा से ही रामराज्य की परिकल्पना साकार हो सकेगी।