मकान का नक्शा पास कराने के नियम होंगे कड़े, चेक लिस्ट बनाने के लिए 8 सदस्यीय कमेटी बनी
- जिला पंचायत और प्राधिकरण के बीच नक्शे पास करने को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। लखनऊ ही नहीं यूपी के अन्य शहरों में भी विवाद है। बिल्ड़र और व्यावसायी प्राधिकरणों की बजाए जिला पंचायत से नक्शा पास कराने का प्रयास करते हैं। जिला पंचायत का नक्शा पास करने का नियम सरल है।
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यूपी के प्राधिकरणों की तर्ज पर अब जिला पंचायत के भी नक्शे पास करने के नियम और बाईलाइज होंगे। जिला पंचायत के नक्शे पास करने के नियम भी कड़े किए जाएंगे। इसे प्राधिकरणों की तर्ज पर करने और चेक लिस्ट बनाने के लिए कमेटी गठित कर दी गई है। पंचायती राज निदेशक की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी में प्रदेश के सीटीसीपी सहित कुल आठ अधिकारियों को शामिल किया गया है।
लंबे समय से चल रहा विवाद
जिला पंचायत और प्राधिकरण के बीच नक्शे पास करने को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। लखनऊ ही नहीं प्रदेश के अन्य शहरों में भी विवाद है। बिल्ड़र और व्यावसायी प्राधिकरणों की बजाए जिला पंचायत से नक्शा पास कराने का प्रयास करते हैं। जिला पंचायत का नक्शा पास करने का नियम सरल है। उसका शुल्क काफी कम है। मानक काफी सरल है। जिला पंचायत के नक्शे पास करने के मानक और नियम गांवों के हिसाब से हैं। गांवों में जनसंख्या का घनत्व कम होता है। इसलिए वह फ्रंट सेटबैक, साइट सेट बैक और पार्किंग के मानक भी प्राधिकरण की तुलना में कम हैं। जिला पंचायतों में शुल्क भी कम है। इसलिए बिल्डर जिला प्रशासन से नक्शा पास कराने का प्रयास करते हैं। जबकि एलडीए से नक्शा पास कराने पर बायलाज का पालन करना होता है।
निदेशक पंचायती राज की अध्यक्षता में बनी कमेटी
व्यवसायिक भूखंडों, काम्प्लेक्सों, दुकानों और अन्य निर्माणों के नक्शों की चेक लिस्ट, जांच और मानक के लिए शासन ने आठ अधिकारियों की कमेटी बनाई है। कमेटी निदेशक पंचायती राज की अध्यक्षता में बनी है। इसमें प्रदेश के मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक, एलडीए के मानचित्र सेल के अधिकारी, जिला पंचायत के वास्तुकार, कार्य अधिकारी जिला पंचाायत अनुश्रवण प्रकोष्ठ और अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत को इसका सदस्य बनाया गया है।