पीडब्ल्यूडी के दो निर्माण खंड के अस्तित्व पर संकट
Prayagraj News - प्रयागराज के पीडब्ल्यूडी के निर्माण खंड पांच और छह के अधिकारी और कर्मचारी महाकुम्भ के बाद पूरी तरह से खाली बैठे हैं। मुख्य अभियंता ने इन खंडों को स्थानांतरित या समाप्त करने की संस्तुति दी है। दोनों...

प्रयागराज। पीडब्ल्यूडी प्रयागराज के दो निर्माण खंड के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। महाकुम्भ समाप्त होने के बाद से निर्माण खंड पांच व छह के अधिकारी व कर्मचारी पूरी तरह खाली बैठे हैं। इसे लेकर कई बार मुख्य अभियंता डीके अहिरवार से कार्यों का बंटवारा किए जाने की मांग भी हुई। कार्यों का बंटवारा तो नहीं हुआ लेकिन मुख्य अभियंता ने दोनों खंडों को या तो विस्थापित करते हुए स्थानांतरित करने या समाप्त किए जाने की संस्तुति के लिए विभागाध्यक्ष को पत्र भेजा है। महाकुम्भ के दौरान शासन के निर्देश पर खंड पांच व छह का सृजन किया गया था।
दोनों खंडों को क्रमश : तीन-तीन पांटून पुलों के निर्माण व उसके रखरखाव की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। पिछले ढाई माह से खाली होने पर निर्माण खंड पांच के अधिशासी अभियंता विवेक सौरभ व छह के अधिशासी अभियंता चंद्र प्रताप सिंह मुख्य अभियंता से कई बार मिले। इस बीच मई के अंतिम सप्ताह में मुख्य अभियंता ने पीडब्ल्यूडी लखनऊ मुख्यालय में विभागाध्यक्ष को पत्र लिखा। जो अधीक्षण अभियंता नरेश कुमार की रिपोर्ट पर केंद्रित था, जिसमें कहा गया था कि महाकुम्भ के कार्यों के बाद दोनों खंडों में अति सूक्ष्म कार्य हैं और जो अधिकारी व कर्मचारी कार्यरत हैं, उससे व्यवस्थापन पर वित्तीय भार पड़ रहा है। विभागीय अधिकारियों की मानें तो दोनों खंडों में कुल मिलाकर पचास अधिकारी व कर्मचारी हैं। पत्र भेजे जाने के बाद अब यह देखना होगा कि मुख्यालय से क्या निर्णय लिया जाएगा। हमें इसकी जानकारी मिली है मुख्य अभियंता ने विभागाध्यक्ष को पत्र लिखा है। हम लोग यहां पर खाली बैठे हुए है। अब शासन से जो निर्देश मिलेगा, उसका पालन किया जाएगा।-चंद्र प्रताप सिंह, अधिशासी अभियंता निर्माण खंड छह
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