पुलिस वालों को भा रही शिक्षक की नौकरी, 6 ने खाकी छोड़ चॉक-डस्टर से नाता जोड़ा
- बीटेक या उस स्तर की दूसरी पढ़ाई करने वालों ने भी पुलिस महकमे में नौकरी हासिल कर ली। शुरुआत में तो सब कुछ ठीक चला लेकिन कुछ दिन बाद ही महकमे की कार्यशैली के अनुरूप कुछ युवा खुद को नहीं ढाल पाए। ऐसे ही लोगों को जैसे ही शिक्षक या लिपिक बनने का मौका मिल रहा है, वे तत्काल वर्दी से तौबा कर ले रहे हैं।

Teaching job: खाकी का क्रेज युवाओं में अब कम हो रहा है। आरक्षी ही नहीं, दरोगा भी दूसरे विभाग में क्लर्क या शिक्षक की नौकरी तलाश रहे हैं और मिलते ही त्यागपत्र दे रहे हैं। पिछले कुछ महीने में छह सिपाहियों ने बिहार में शिक्षक की नौकरी हासिल करने के बाद पुलिस विभाग से त्यागपत्र दे दिया है। पिछले वर्ष भी दूसरे सरकारी विभागों में लिपिक की नौकरी के लिए दरोगा समेत चार आरक्षी पुलिस की नौकरी से तौबा कर चुके हैं। क्लर्क बनने के लिए पुलिस विभाग छोड़ने वालों में दरोगा शशि रंजन भी शामिल हैं। रिटायर अफसर इसकी दो वजह बताते हैं। पहला पुलिस विभाग में छुट्टी की दिक्कत और दूसरा, काम का बोझ।
पुलिस के अलावा दूसरे सरकारी विभाग में नौकरी पाने के लिए परीक्षा ही पास करनी होती है। जबकि पुलिस विभाग में आने के लिए कठिन शारीरिक परीक्षा से भी गुजरना होता है। यही वजह है कि इस नौकरी को पाने के लिए युवा कम उम्र से ही लोग दौड़ की तैयारी शुरू कर देते हैं। इसकी वजह खाकी वर्दी का क्रेज रहा, लेकिन अब धारणा बदल रही है।
बीटेक या उस स्तर की दूसरी पढ़ाई करने वालों ने भी पुलिस महकमे में नौकरी हासिल कर ली। शुरुआत में तो सब कुछ ठीक चला लेकिन कुछ दिन बाद ही महकमे की कार्यशैली के अनुरूप कुछ युवा खुद को नहीं ढाल पा रहे हैं। ऐसे ही लोगों को जैसे शिक्षक या लिपिक बनने का मौका मिल रहा है, वे तत्काल वर्दी से तौबा कर ले रहे हैं। इस समय भी पुलिस लाइन में दो दर्जन से ज्यादा युवा आरक्षी विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं।
यह है प्रक्रिया ट्रेनिंग के बाद
एक वर्ष की नौकरी पूरी होने पर ही त्यागपत्र या कार्यमुक्ति के लिए आवेदन किया जा सकता है। आवेदन करने के बाद जिलास्तर पर जांच होती है और दूसरे विभाग में नौकरी से पहले एक तिथि निर्धारित की जाती है। जिस दिन कार्यमुक्त किया जाता है। इसमें कुछ महीने का समय लग जाता है। इस कारण कई आवेदन करने के बाद छायाप्रति लगाकर दूसरी नौकरी कर लेते हैं।
क्या कहते हैं पूर्व पुलिस अधिकारी
रिटायर्ड पुलिस अधिकारी शिवपूजन कहते हें कि पुलिस की नौकरी में छुट्टी और ड्यूटी का कोई समय निर्धारण नहीं है। दूसरे अब पुलिस में आरक्षी पद पर भी उच्च शिक्षा हासिल करके भी लोग आ रहे हैं और यही लोग दूसरे विभाग में कोशिश करते हैं। छुट्टी और दूसरी सुविधाओं को देखते हुए इन्हें मौका मिलता है तो पुलिस महकमा छोड़ कर दूसरी नौकरी ज्वाइन कर लेते हैं। कुछसाल पहले तक पुलिस में आने वाले कहीं नहीं जाना चाहते थे, लेकिन अब नई पीढ़ी उतना प्रेशर नहीं लेना चाहती है।