यूपी में इन भवनों के निर्माण पर अब देना होगा प्रभाव और परमिट शुल्क, योगी कैबिनेट की मंजूरी
यूपी की योगी सरकार शहरों में बड़े आवासीय व व्यवसायिक भवन के निर्माण से पड़ने वाले असर को देखते हुए प्रभाव शुल्क की वसूली करेगी। इसी तरह आवासीय व व्यवसायिक निर्माण के दौरान निरीक्षण पर आने वाले खर्च के एवज में परमिट शुल्क की वसूली की जाएगी।
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यूपी की योगी सरकार शहरों में बड़े आवासीय व व्यवसायिक भवन के निर्माण से पड़ने वाले असर को देखते हुए प्रभाव शुल्क की वसूली करेगी। इस शुल्क को एसटीपी व अन्य जनसुविधाओं के विकास पर खर्च किया जाएगा। इसी तरह आवासीय व व्यवसायिक निर्माण के दौरान निरीक्षण पर आने वाले खर्च के एवज में परमिट शुल्क की वसूली की जाएगी। इसे भी जनसुविधाओं पर खर्च किया जाएगा। इनकी वसूली नक्शा पास करते समय की जाएगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कैबिनेट बाईसकुर्लेशन इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। आवास विभाग ने पूर्व में इन शुल्कों की वसूली के लिए शासनादेश जारी करते हुए विकास प्राधिकरणों को वसूली का निर्देश दिया था। कुछ बिल्डरों ने इसको सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार को आदेश दिया था कि इसके लिए नियमावली बनाते हुए वसूली की जाए। इसके आधार पर आवास विभाग ने नियमावली बनाई है।
उत्तर प्रदेश नगर योजना और विकास अधिनियम 1973 यथा संशोधित धार 15 (2) के तहत शुल्क का निर्धारण, उद्धहरण और संग्रहण नियमावली को मंजूरी दी गई है। इसके आधार पर विकास प्राधिकरण शहरों में आवासीय व व्यवसायिक भवन के निर्माण से पड़ने वाले भार को देखते हुए शुल्क की वसूली करेगा।
बड़े भवनों के निर्माण या व्यवसायिक गतविधियों से वहां आने वाले लोगों की संख्या बढ़ जाती है और सरकारी सुविधाओं का अधिक इस्तेमाल होता है। इसीलिए शुल्क लेने की व्यवस्था की गई है। इस पैसे को मास्टर प्लान के मार्ग में खुले स्थान, एसटीपी व अन्य जसुविधाएं विकसित करने पर खर्च किया जाएगा।
इसके साथ ही उत्तर प्रदेश नगर योजना और विकास अधिनियम में दी गई व्यवस्था के आधार विकास परमिट फीस, भवन परमिट फीस और निरीक्षण फीस वसूली के लिए नियमावली बनाई गई है। आवास विभाग द्वारा नियमावली जारी किए जाने के बाद वसूली की प्रक्रिया शुरू होगी। इसमें शुल्क का निर्धारण होगा।