यूपी में अब ट्रैक्टर ट्राली का मनमाने तरीके से नहीं हो सकेगा रजिस्ट्रेशन, मानक हुए तय
उत्तर प्रदेश में अब ट्रैक्टर व ट्रॉली का मनमाने तरीके से रजिस्ट्रेशन नहीं हो सकेगा। सबसे ज्यादा मानकों का उल्लंघन ट्रॉली के रजिस्ट्रेशन में हो रहा था। इस पर लगाम लगाने के लिए पांच सदस्यीय समिति ने एसओपी तैयार की है। इसके लिए मानक भी तय कर दिए गए हैं।
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उत्तर प्रदेश में अब ट्रैक्टर व ट्रॉली का मनमाने तरीके से रजिस्ट्रेशन नहीं हो सकेगा। सबसे ज्यादा मानकों का उल्लंघन ट्रॉली के रजिस्ट्रेशन में हो रहा था। इस पर लगाम लगाने के लिए पांच सदस्यीय समिति ने एसओपी तैयार की है। इसके लिए मानक भी तय कर दिए गए हैं। बैक लाइट फिटिंग एवं बैक लाइट के कनेक्शन की व्यवस्था ट्रैक्टर से की जाएगी। इसी के साथ अब मानकों पर खरा उतरने वाली ट्रॉली का ही रजिस्ट्रेशन होगा। सड़क सुरक्षा के मानक पूरा किए बिना अब ट्रॉली सड़कों पर नहीं दौड़ सकेंगी। ट्रॉली के निर्माण के समय ही निर्माता कम्पनी को मानक पूरे करने होंगे। साथ ही इनका उपयोग कृषि कार्य के लिए होगा।
इस सम्बन्ध में प्रमुख सचिव परिवहन एल. वेकंटेश्वर लूट ने परिवहन आयुक्त को 20 जनवरी को पत्र भेजा है। इसमें लिखा गया है कि ट्रैक्टर व ट्रॉली के पंजीकरण में सभी मानकों का पालन जरूर किया जाए। साथ ट्रेलर का उपयोग कृषि कार्यों के लिए ही किया जाना उचित रहेगा। इसका व्यवसायिक उपयोग ठीक नहीं होगा।
इस पत्र में एआईएस 112 में ट्रेलर के चार मॉडल R1, R2, R3 व R4 का जिक्र किया गया है। तीन मॉडल क्रमशः R2, R3 व R4 के लिए एग्रीकल्चर ट्रेलर में रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। साथ ही R2 मॉडल के लिए एक एक्सल का प्रावधान किया गया है। R2 मॉडल के निर्माण के समय दो एक्सल लगाने जरूरी होंगे। अन्य किसी भी माडल के लिए एक एक्सल ट्रॉली का निर्माण नहीं किया जाएगा।
ये सुरक्षा मानक भी जरूरी होंगे
इस नई एसओपी के मुताबिक ट्रेलर में निम्न सुरक्षा मानकों का भी ध्यान रखा जाएगा। जैसे रियर व साइड अन्डर प्रोटेक्शन डिवाइस। बैक लाइट फिटिंग एवं बैक लाइट के कनेक्शन की व्यवस्था ट्रैक्टर से की जाएगी। इसके अलावा निर्माता कम्पनी को कोड आवंटित किया जाएगा। इस आधार पर ही उसके शहर, चेसिस और निर्माण वर्ष का पता चल सकेगा।