जीएसटी चोरी के लिए अपनाया नया पैंतरा, क्रेडिट नोट के फर्जीवाड़े में फंसे यूपी के कई कारोबारी
- जीएसटी की चोरी के मकसद से कारोबारियों की तरफ से नया पैंतरा अपनाए जाने का मामला सामने आया है। प्रदेश में कई कारोबारियों ने करापवंचन के इरादे से कथित फर्जी क्रेडिट नोट जारी किए हैं, जिसके चलते कथित तौर पर कोई कसूर नहीं होते हुए भी प्रदेश के हजारों कारोबारी कानूनी पचड़े में फंस गए हैं।
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जीएसटी की चोरी के मकसद से कारोबारियों की तरफ से नया पैंतरा अपनाए जाने का मामला सामने आया है। प्रदेश में कई कारोबारियों ने करापवंचन के इरादे से कथित फर्जी क्रेडिट नोट जारी किए हैं, जिसके चलते कथित तौर पर कोई कसूर नहीं होते हुए भी प्रदेश के हजारों कारोबारी कानूनी पचड़े में फंस गए हैं। क्रेडिट नोट के फर्जीवाड़े में मुरादाबाद की पांच फर्मों के लिप्त होने का संदेह सामने आया है। मामले का खुलासा अलीगढ़ के टैक्स अधिवक्ताओं की तरफ से राज्य कर विभाग के अधिकारियों के सामने किया गया।
राज्य कर अधिवक्ता संघ की कार्यकारिणी समिति की बैठक एवं जोनल टैक्स बार एसोसिएशन की ओर से जीएसटी पर आयोजित प्रांतीय सेमिनार के लिए प्रदेश भर के टैक्स अधिवक्ता मुरादाबाद में जुटे, जिसमें राज्य कर विभाग के एडिशनल कमिश्नर ग्रेड प्रथम, इसकी विशेष अनुसंधान शाखा के एडिशनल कमिश्नर व सीजीएसटी के असिस्टेंट कमिश्नर बतौर अतिथि मौजूद रहे। इसी दौरान अलीगढ़ टैक्स बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों की तरफ से प्रदेश के कई जनपदों में फर्जी तरीके से क्रेडिट नोट जारी करके करापवंचन होने का मामला उठाया। एसोसिएशन की ओर से इस संबंध में ज्ञापन भी राज्य कर विभाग के अधिकारियों को दिया गया। राज्य कर के मुरादाबाद जोन की विशेष अनुसंधान शाखा के एडिशनल कमिश्नर आरए सेठ ने अलीगढ़ के टैक्स अधिवक्ताओं की तरफ से यह मामला संज्ञान में लाए जाने की पुष्टि की।
हजारों कारोबारी बेवजह कानूनी शिकंजे में फंसे
राज्य कर अधिवक्ता संघ की एक्जीक्यूटिव मीटिंग के दौरान अलीगढ़ के टैक्स अधिवक्ताओं ने यह अंदेशा जताया कि प्रदेश में काफी बड़े पैमाने पर फर्जी क्रेडिट नोट जारी किए जा रहे हैं, जो कारोबारी किसी भी रूप में करापवंचन सरीखी गतिविधियों में लिप्त नहीं हैं वह अपने नाम से क्रेडिट नोट जारी होने के चलते बेवजह ही कानूनी शिकंजे की जद में आ रहे हैं। इस दौरान मुरादाबाद की पांच व्यापारिक फर्मों पर क्रेडिट नोट के फर्जीवाड़े का आरोप खुलकर सामने आया। अलीगढ़ के टैक्स अधिवक्ताओं की तरफ से यह आरोप भी सामने आया कि मुरादाबाद की फर्मों ने यह फर्जीवाड़ा करके अलीगढ़ के कई कारोबारियों को कानूनी पचड़ेबाजी में फंसा दिया है।
अधिकारी की बात
राज्य कर विभाग विशेष अनुसंधान शाखा एडिशनल कमिश्नर आरए सेठ ने बताया, काफी बड़ी संख्या में व्यापारियों के नाम से कथित तौर पर फर्जी क्रेडिट नोट जारी होने का मामला अलीगढ़ की टैक्स बार एसोसिएशन की ओर से संज्ञान में लाया गया है। प्रथम दृष्टया करापवंचन के मकसद से यह फर्जीवाड़ा अंजाम दिए जाने की बात प्रतीत हो रही है, लेकिन इससे जुड़े और भी पहलुओं का पता लगाने के लिए मामले की जांच शुरू कर दी गई है। मुरादाबाद की जिन बोगस फर्मों का हवाला दिया गया है उनकी भी गंभीरता से जांच होगी।
कैसे अंजाम दिया जा रहा फर्जी क्रेडिट नोट का खेल
दो कारोबारी कथित रूप से आपस में सांठगांठ करके करापवंचन को अंजाम देने के मकसद से क्रेडिट नोट के फर्जीवाड़े का सहारा ले रहे हैं। वह किसी तीसरे कारोबारी का नाम लेकर उसकी तरफ से माल वापस कर दिए जाने का हवाला देकर क्रेडिट नोट जारी कर देते हैं और इसकी वजह से जीएसटी चुकाने की उनकी देयता कम हो जाती है। जानकारों के मुताबिक इस तरह क्रेडिट नोट जारी करने से एक लाख रुपए तक की कर देयता कम हो सकती है।