Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़More flats can be built on less land, Yogi government will exempt stamp duty on registry

कम भूमि पर बन सकेंगे अधिक फ्लैट, रजिस्ट्री पर स्टांप शुल्क में छूट देगी योगी सरकार

  • यूपी की योगी सरकार शहरों में कम भूमि पर अधिक फ्लैट बनाने की सुविधा देगी। इसके साथ ही साथ ही 60 वर्ग मीटर तक फ्लैट की रजिस्ट्री पर स्टांप शुल्क में एक फीसदी छूट मिलेगी।

Deep Pandey हिन्दुस्तान, लखनऊ। शैलेंद्र श्रीवास्तवMon, 24 Feb 2025 05:31 AM
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कम भूमि पर बन सकेंगे अधिक फ्लैट, रजिस्ट्री पर स्टांप शुल्क में छूट देगी योगी सरकार

योगी सरकार शहरों में निम्न मध्य आय वर्ग के लोगों के लिए कम भूमि पर अधिक फ्लैट बनाने की सुविधा देगी। ट्रांस्फरेबल डेवलपमेंट राइट (टीडीआर) के साथ 50 अतिरिक्त फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) मुफ्त दिया जाएगा। साथ ही 60 वर्ग मीटर तक फ्लैट की रजिस्ट्री पर स्टांप शुल्क में एक फीसदी छूट मिलेगी। जल्द ही विस्तृत दिशा-निर्देश की तैयारी है।

उत्तर प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में लोगों की आवासीय समस्या के समाधान के लिए सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना दो शुरू करने जा रही है। ईडब्ल्यूएस, एलआईजी मकान विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद से बनवाए जाएंगे। एमआईजी यानी निम्न मध्य आर्य वर्ग के लिए अफोर्डेबल फ्लैट बनाने के लिए लाइसेंस दिया जाएगा। इन बिल्डरों को कई सुविधाएं दी जाएंगी। सूडा ने शासन को विस्तृत नीति का प्रारूप भेजा है। इसके मुताबिक जून 2025 तक योजना को अमल में लाने के साथ छूट देने की बात भी कही गई है। केंद्र द्वारा तय नीति के आधार पर योजना यूपी में संचालित होगी। एक योजना में 100 घर बनेंगे। इस योजना में जो भी मकान बनेंगे, उसमें 25 मकान ईडब्ल्यूएस के होंगे। इसके साथ बिल्डरों को रेंटल आवास भी बनाने होंगे। इन मकानों को शहरी प्रवासियों, बेघर,श्रमिकोंआदि को किराए पर दिया जाएगा।

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हाईकोर्ट के रुख के बाद नए सिरे से तय की जा रही जिम्मेदारी

शहरों में अवैध निर्माण रोकने के लिए विकास प्राधिकरणों के साथ स्थानीय पुलिस की जिम्मेदारी भी तय करने की तैयारी है। विकास प्राधिकरणों द्वारा जिस अवैध निर्माण को रोका जाएगा, वहां पुन: निर्माण शुरू होने पर इसके लिए स्थानीय पुलिस की जिम्मेवारी तय होगी। उच्च स्तर पर जल्द ही इस संबंध में विस्तृत प्रस्ताव प्रस्तुत करने की तैयारी है। हाईकोर्ट ने शहरों में होने वाले अवैध निर्माण पर सख्ती दिखाई है। हाईकोर्ट ने प्रदेशभर के विकास प्राधिकरणों में हुए अवैध निर्माण की रिपोर्ट मांगी थी। इसके मुताबिक पिछले 13 सालों में प्रमुख शहरों में 1.75 लाख से अधिक अवैध निर्माण हुए और 83 हजार को गिराने का आदेश हुआ। हाईकोर्ट में इस संबंध में लगातार सुनवाई चल रही है। आवास विभाग ने हाईकोर्ट में पूरी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। हाईकोर्ट ने इस पर शासन से पूछा है कि अब तक इसके लिए जिम्मेदारी कितने लोगों पर कार्रवाई हुई है।

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