बोले मथुरा: गांव से शहर तो बना पर विकास की राह में पिछड़ गया दामोदरपुरा
Mathura News - दामोदरपुरा में लगभग 12 हजार लोग निवास करते हैं। यहां की मूलभूत सुविधाएं जैसे बिजली, पानी, सड़कों की स्थिति अत्यंत खराब है। लोग मच्छरों के आतंक से परेशान हैं और स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोई उचित कार्रवाई...

नगर निगम के वार्ड नंबर 38 के अंतर्गत आने वाले दामोदरपुरा में करीब 12 हजार लोग निवास करते हैं। यहां के लोग अनेक समस्याओं से पीड़ित हैं। हिन्दुस्तान बोले के तहत जब इनसे वार्ता की तो उन्होंने अपनी पीड़ा व्यक्त की और बताया कि क्षेत्र दुर्दशा का शिकार है। ऐसी कोई समस्या नहीं जो जहां मौजूद न हो। बिजली, पानी, सड़क सभी मूलभूत सुविधाओं से यह गांव वंचित है। नगर निगम के अलावा स्थानीय प्रशासन का भी इस क्षेत्र की तरफ बिल्कुल ध्यान नहीं है। जिसके कारण यह क्षेत्र पिछड़ता जा रहा है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में कई वर्षों से नालियां चोक हैं। नालियों के गंदे पानी की कोई निकासी नहीं है। जिसके कारण तमाम घरों के आगे नाली का गंदा पानी बहता रहता है। बरसात के दिनों में इस क्षेत्र के हालात बदतर हो जाते हैं। जरा सी बरसात से पूरा क्षेत्र जलमग्न हो जाता है। जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। जिसके कारण क्षेत्र में मच्छरों का आतंक भी व्याप्त है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि शायद जिले में सबसे ज्यादा मच्छर इसी क्षेत्र में हैं। मलेरिया विभाग भी यहां दवा का छिड़काव करने अभी तक नहीं आया है। मच्छरों के आतंक के कारण स्थानीय निवासियों में मौसमी बीमारियों के साथ-साथ खांसी, जुकाम, बुखार की समस्या निरंतर बनी रहती है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी मच्छरों से बचाव के लिए कोई छिड़काव नहीं कराया जाता है। इसके साथ ही दामोदरपुरा गांव में सड़कों का भी बुरा हाल है। सड़कें जगह-जगह से टूटी हैं। दामोदरपुर में बिजली की अंडरग्राउंड फिटिंग नहीं है। कई जगह बिजली के तार झूल रहे हैं, जो हादसे को न्योता दे रहे हैं। खंभों के जर्जर होने, झुकने एवं तारों के झूलने के कारण दामोदरपुरा के बच्चे ठीक से खेल भी नहीं पाते हैं। इसके अलावा मुख्य समस्या खारे पानी की भी है। दामोदरपुर गांव में गंगाजल पाइपलाइन अभी तक नहीं है। जबकि दामोदरपुर गांव गोकुल बैराज से सटा हुआ है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि पूरे शहर में गोकुल बैराज से ही गंगाजल पाइपलाइन की सप्लाई होती है लेकिन दामोदरपुरा के गोकुल बैराज से सटे होने के बावजूद भी इस क्षेत्र में गंगाजल पाइपलाइन का कोई नामोनिशान नहीं है। स्थानीय निवासी मीठे पानी के लिए तरस रहे हैं।
मच्छरों का प्रकोप
स्थानीय निवासियों ने बताया कि दामोदरपुरा में मच्छरों का आतंक है। मच्छरों के कारण स्थानीय निवासियों के स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा यहां मच्छरों से बचाव के लिए दवा का छिड़काव नहीं कराया जाता है। अधिकारियों को चाहिये कि वे स्वास्थ्य विभाग को यहां दवा का छिड़काव करने को कहें, ताकि लोगों को मच्छरों से राहत मिल सके।
एक भी डस्टबिन नहीं
दामोदरपुरा के वाशिंदों ने बताया कि पूरे दामोदरपुरा क्षेत्र में एक भी डस्टबिन की व्यवस्था नहीं की गई है। निगम के कर्मचारियों द्वारा कई कई दिनों तक कूड़ा नहीं उठाया जाता है। ना ही नियमित साफ सफाई की जाती है। साफ सफाई न होने का कारण पूरा क्षेत्र कूड़े के ढेर में तब्दील हो गया है।
इनकी सुनें
स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी मच्छरों से बचाव के लिए कोई छिड़काव नहीं कराया जाता है। मच्छरों के आतंक का मुख्य कारण घर के आगे नालियों का गंदा पानी बहना एवं क्षेत्र में गंदगी का माहौल है।
-हरीशचंद सिकरवार
पूरे दामोदरपुरा क्षेत्र में नगर निगम की तरफ से एक भी डस्टबिन की व्यवस्था नहीं की गई है। निगम के कर्मचारियों द्वारा कई-कई दिनों तक यहां झांका भी नहीं जाता है।
-चंद्रमोहन बघेल
सफाई कर्मचारियों द्वारा यहां पर ध्यान न देने से यहां गंदगी का माहौल है। साफ सफाई न होने का कारण पूरा क्षेत्र कूड़े के ढेर में तब्दील हो गया है। कई जगह कूड़े के ढेर ने डालाबघर का रूप ले लिया है।
-दुष्यंत धनगर
दामोदरपुरा में करीब 12 हजार से अधिक लोग निवास करते हैं। बिजली पानी के अलावा यहां के लोग अनेक समस्याओं से पीड़ित हैं। पता नहीं कब समस्याओं का समाधान होगा।
-विजयपाल निषाद
पूरे क्षेत्र में गंदगी का माहौल बना हुआ है। साफ सफाई की कोई भी व्यवस्था नहीं है। कई कई दिन तक नगर निगम के कर्मचारी यहां झांकते तक नहीं है। स्थानीय लोग गंदगी से परेशान हैं।
-उदय सिंह
दामोदरपुरा में गंदे पानी की निकासी न होने के कारण गंदगी का माहौल तो है ही इसके साथ ही नालियों का गंदा पानी लोगों के घरों के आगे बहता रहता है। जिससे संक्रमण का खतरा बना रहता है।
-हरीशचंद सिकरवार
बरसात में हालात यहां बदतर हो जाते हैं। पूरा क्षेत्र जलमग्न हो जाता है। कई बार लोगों के घरों में गंदा पानी घुस जाता है। प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिये, ताकि यहां के लोगों को राहत मिल सके।
-कुंवरपाल छोंकर
मच्छरों के आतंक के कारण स्थानीय निवासियों में मौसमी बीमारियों के साथ-साथ खांसी, जुकाम, बुखार, डेंगू मलेरिया आदि की समस्या बनी रहती है। जिससे लोग परेशान हैं।
-नरेश
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