'वो इस्लाम में जाती तो…', ममता कुलकर्णी विवाद पर बोलीं लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी; इस्तीफा किया खारिज
- ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने पर सवाल उठाने वालों पर हमला बोलते हुए आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा कि यदि वो (ममता कुलकर्णी) इस्लाम में चली जाती तो धर्म के ये ठेकेदार क्या करते? उन्होंने ममता का इस्तीफा खारिज करने का दावा किया और कहा कि वह किन्नर अखाड़े में थीं, हैं और रहेंगी।
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Mamta Kulkarni News: दुनिया भर में महाकुंभ 2025 की धूम के बीच पिछले दिनों बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी अचानक तब सुर्खियों में आ गई थीं जब उन्हें किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाया गया। हालांकि विवाद के बाद सोमवार को ममता कुलकर्णी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। अब इस मामले में ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाने वाली किन्नर अखाड़ा की आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी का बयान सामने आया है।
ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने पर सवाल उठाने वालों पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि यदि वो (ममता कुलकर्णी) इस्लाम में चली जाती तो धर्म के ये ठेकेदार क्या करते? उन्होंने ममता का इस्तीफा खारिज करने का दावा किया और कहा कि वह किन्नर अखाड़े में थीं, हैं और रहेंगी। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा होता तब कोई कुछ नहीं बोलता।
बता दें कि ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाने का काफी विरोध सामने आया था। किन्नर अखाड़े की ही एक अन्य महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने इस पर सवाल उठाते हुए ममता के पूर्व के जीवन के विवादों की याद दिलाई थी। डी कंपनी से संबंध और जेल जाने की बातों को लेकर टिप्पणियां सामने आई थीं। ममता को महामंडलेश्वर बनाए जाने पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री और बाबा रामदेव ने भी सवाल उठाए थे।
इस बीच रविवार को महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने खुद पर जानलेवा हमले का आरोप लगाया था। उधर, ममता कुलकुर्णी ने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए सोमवार को महामंडलेश्वर पद से इस्तीफा देने की जानकारी दी थी। ममता कुलकर्णी ने कहा था कि मैं 25 साल से साध्वी हूं और आगे भी रहूंगी। 24 जनवरी को ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाया गया था। तब किन्नर अखाड़े की आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने उनका पिंडदान और पट्टाभिषेक कराया था। महामंडलेश्वर बनने के बाद ममता कुलकर्णी को श्रीयामाई ममता नंद गिरी नाम दिया गया था।