संगम नोज पर भगदड़ कैसे हुई? महाकुंभ मेला की ओएसडी आकांक्षा राणा ने बताया
- mahakumbh stampede: महाकुंभ मेला की ओएसडी आकांक्षा राणा ने बताया कि संगम नोज पर कुछ बैरियर टूटने के बाद भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। इस घटना में कुछ लोग घायल हुए हैं। कोई भी गंभीर नहीं है
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प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या के मौके पर बुधवार संगम तट पर भगदड़ मच गई। हादसे में कई श्रद्धालुओं के घायल होने की बात सामने आ रही है। वहीं मरने की सूचना आ रही है। हालांकि मेला प्राधिकरण की ओएसडी आकांक्षा राणा ने आधिकारिक तौर पर किसी भी मौत की पुष्टि नहीं की है। उन्होंने कुछ लोगों के घायल होने की बात कही है। उनका अभी इलाज चल रहा है। राहत बचाव कार्य जारी है। एंबुलेंस मौके पर पहुंच गई हैं। मेले में भारी भीड़ उमड़ी है। एंबुलेंस की गाड़ियों को मरीजों को केंद्रीय अस्पताल तक लाया जा रहा है। कई घायलों को बेली अस्पताल भी भेजा गया है। सभी सड़कों पर भीड़ है। वहीं महानिर्वाणी अखाड़े के महामंत्री महंत रविंद्र पुरी ने मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए अपने स्नान को रद्द करने की घोषणा कर दी है
कुंभ मेला क्षेत्र में भगदड़ की खबरों पर प्रयागराज मेला प्राधिकरण की ओएसडी आकांक्षा राणा ने कहा कि मुझे जो जानकारी मिली है उसके अनुसार संगम नोज पर कुछ बैरियर टूटने के बाद भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। इस घटना में कुछ लोग घायल हुए हैं। कोई भी गंभीर नहीं है और उन्हें आवश्यक इलाज दिया जा रहा है। उधर, घायलों के परिजनों को महिला पुलिस लेकर अस्पताल आ रही है। परजिनों को अस्पताल की माइनर ओटी के पास बैठा दिया गया है। कार्याधिकारी कुम्भ आकांक्षा राणा परिजनों को समझा रही हैं।
आपको बता दें कि महाकुम्भ 2025 का शुभारंभ 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के पहले स्नान के साथ हुआ था। दूसरे दिन यानी 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर महाकुम्भ का दूसरा और अखाड़ों का पहला अमृत स्नान हुआ था। संगम और उससे सटे गंगा के 12 किलोमीटर लंबे घाटों पर 13 जनवरी से शुरु हुआ स्नान का क्रम अब तक नहीं टूटा, दिन हो रात श्रद्धालु पुण्य की डुबकी लगा रहे हैं। महाकुम्भ का तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण मौनी अमावस्या का महास्नान आज है। प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने महास्नान की सभी तैयारियां पूरी करने का दावा किया है हालांकि पिछले चार दिनों से अनुमान के विपरीत लगातार आ रहे श्रद्धालुओं की वजह से मेला प्रशासन को भीड़ नियंत्रण का अपना प्लान पहले ही लागू करना पड़ा है।