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प्रमोशन लिस्‍ट निरस्‍त करने का आदेश हाईकोर्ट ने किया रद्द, नए सिरे से सुना जाएगा सभी का पक्ष

  • न्यायमूर्ति ने कहा कि सचिव का आदेश नैसर्गिक न्याय का स्पष्ट उल्लंघन है। आदेश जारी करने से पूर्व प्रभावित पक्ष और याचियों को सुनवाई का अवसर नहीं दिया गया। कोर्ट ने सचिव और बीएसए के आदेश को रद्द करते हुए छह सप्ताह में नए सिरे से सभी का पक्ष सुन कर आदेश पारित करने के लिए कहा है।

Ajay Singh लाइव हिन्दुस्तानSat, 25 Jan 2025 01:43 PM
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प्रमोशन लिस्‍ट निरस्‍त करने का आदेश हाईकोर्ट ने किया रद्द, नए सिरे से सुना जाएगा सभी का पक्ष

Teacher's Promotion News: बेसिक शिक्षा विभाग में अध्यापकों की प्रोन्नति सूची रद्द करने के सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज के आदेश को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। कोर्ट ने सचिव के आदेश के क्रम में जारी बीएसए बुलंदशहर के आदेश को भी रद्द कर दिया है। बुलंदशहर के आदित्य कुमार और अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने कहा कि सचिव का आदेश नैसर्गिक न्याय का स्पष्ट उल्लंघन है। आदेश जारी करने से पूर्व प्रभावित पक्ष और याचियों को सुनवाई का अवसर नहीं दिया गया। कोर्ट ने सचिव और बीएसए के आदेश को रद्द करते हुए छह सप्ताह में नए सिरे से सभी का पक्ष सुन कर आदेश पारित करने के लिए कहा है।

याचियों के अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी का कहना था कि बेसिक शिक्षा विभाग की 2015 में जारी प्रोन्नति सूची को बुलंदशहर सहित कई जिलों के अध्यापकों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। जिस पर हाईकोर्ट ने 11 मार्च 2024 के आदेश में याचियों और सभी प्रभावित पक्ष की आपत्तियों पर सुनवाई के बाद आदेश पारित करने का सचिव को आदेश दिया था।

इस आदेश के परिपेक्ष्य में सचिव ने 9 दिसम्बर 2024 को पूरी प्रोन्नति सूची रद्द कर दी और बीएसए बुलंदशहर ने भी 10 दिसंबर को इस संबंध में आदेश पारित कर दिया। यह आदेश जारी करने से पूर्व याचियों को न तो कोई नोटिस दिया गया और न ही उनका पक्ष सुना गया। इसलिए सचिव और बीएसए का आदेश नैसर्गिक न्याय का हनन के साथ ही हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना भी है। कोर्ट ने कहा कि याचियों को सुनवाई का मौका न देना नैसर्गिक न्याय का उल्लंघन है।

सहायक अध्यापक के तबादले पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

वहीं एक अन्‍य आदेश में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा अधिकारी बदायूं के स्थानांतरण आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है। कोर्ट ने मामले को विचारणीय मानते हुए नोटिस जारी कर प्रतिवादियों से छह सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दाखिल करने को कहा है। साथ ही प्रत्युत्तर हलफनामा दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है। यह आदेश प्रकाश पाडिया ने देवेन्द्र कुमार की याचिका पर दिया। बदायूं निवासी याची बिसौली ब्लॉक के सिद्धपुर कैथोली स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद कार्यरत था। जुलाई 2024 में उसे कई आरोप लगाकर निलंबित कर दिया गया था। न्यायालय के आदेश से वह 9 जनवरी 2025 को सवेतन बहाल कर दिया गया। इसके बाद बीएसए के आदेश से संविलियन विद्यालय भज्जी की मढैया विकास क्षेत्र दहगवा में स्थानांतरित कर दिया गया। इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी। याची के अधिवक्ता कमल कुमार केशरवानी ने दलील दी कि याची का स्थानांतरण दंड स्वरूप किया गया है। स्थानांतरण केवल प्रशासनिक आवश्यकतानुसार किया जा सकता है।

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