बिकरू कांड में फंसे पूर्व एसओ को हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत, 5 साल बाद जेल से आएंगे बाहर
यूपी का बहुचर्चित बिकरू कांड में फंसे पूर्व एसओ विनय तिवारी को बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है। उनके अधिवक्ता की ओर से जमानत के लिए कोर्ट में बेल बांड दाखिल किए गए हैं। कल शाम तक रिहाई हो सकती है।

यूपी का बहुचर्चित बिकरू कांड में आरोपित कानपुर के चौबेपुर के पूर्व एसओ विनय तिवारी को बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है। उनके अधिवक्ता की ओर से जमानत के लिए कोर्ट में बेल बांड दाखिल किए गए हैं। गुरुवार शाम तक रिहाई हो सकती है।
कानपुर नगर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में 2 जुलाई 2020 की रात दबिश देने गई पुलिस टीम पर विकास दुबे और उसके साथियों ने गोलियां बरसा दी थीं। इसमें सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी। इस मामले में बिकरू में दबिश की सूचना विकास दुबे को देने का आरोप लगाते हुए चौबेपुर के तत्कालीन थानाध्यक्ष विनय तिवारी को भी आरोपित बनाया गया था। उन्हें गिरफ्तार कर आठ जुलाई 2020 को माती जेल भेज दिया गया, तब से वह जेल में हैं।
उनके अधिवक्ता की ओर से हाईकोर्ट में जमानत के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया था। विनय के अधिवक्ता ने हाईकोर्ट को बताया कि बिकरू कांड में पुलिस की चार्जशीट में 102 गवाह बनाए गए हैं। इसमें अब तक कोर्ट में 13 का ही परीक्षण हो सका है। इसके साथ ही विवेचक ने कोर्ट में ऐसा कोई विश्वसनीय साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया है जिसमें यह बात हो कि विनय ने पुलिस रेड की सूचना विकास दुबे को दी थी।
हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद विनय तिवारी को सशर्त जमानत दे दी है। उनके अधिवक्ता शैलेन्द्र कुमार तिवारी ने बताया कि हाईकोर्ट से जमानत स्वीकृत होने के बाद एंटी डकैती कोर्ट में दो-दो लाख के दो बेल बांड दाखिल किए गए हैं। सत्यापन की प्रक्रिया पूरी होते ही रिहाई हो जाएगी।