Samastipur Faces Waterlogging Crisis as Drain Cleaning Work Lags Behind Before Monsoon मानसून पहुंचा लेकिन नालों की उड़ाही अभी आधी-अधूरी, Samastipur Hindi News - Hindustan
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मानसून पहुंचा लेकिन नालों की उड़ाही अभी आधी-अधूरी

समस्तीपुर में बारिश से पहले नालियों की उड़ाही का काम आधा भी नहीं हुआ है। शहर में जल जमाव की स्थिति बन गई है और कई नाले अधूरे हैं। नगर आयुक्त ने सफाई एजेंसियों के साथ बैठक कर काम में तेजी लाने का...

Newswrap हिन्दुस्तान, समस्तीपुरThu, 19 June 2025 12:58 AM
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मानसून पहुंचा लेकिन नालों की उड़ाही अभी आधी-अधूरी

समस्तीपुर, निज संवाददाता। बरसात दस्तक देने वाली है और शहर की जाम नालियों की उड़ाही का काम आधा भी नहीं किया गया है। बरसात से पहले ही शहर में कई इलाक़ों में जल जमाव बना हुआ है। कई नए नाले आधे अधूरे बने हुए हैं। यह भी जल जमाव का कारण बन सकते हैं। कलवर्ट नालों की उड़ाही कहीं नहीं की गई है। इस बरसात में लोगों को बड़े जल जमाव का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान, शहर में नालियों की साफ सफाई व उड़ाही कार्य की प्रगति की बुधवार को नगर आयुक्त राजेश कुमार सिंह ने सभी सफाई एजेंसियों व सफाई अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।

इसमें उन्होंने बरसात से पहले युद्धस्तर पर सभी नालों की उड़ाही कार्य हर हाल में पूरा करने का नर्दिेश दिया। नगर विकास विभाग व आवास विभाग से मिले नर्दिेश पर पूर्व नगर आयुक्त ने नगर निगम के 47 वार्डों में मॉनसून पूर्व तैयारी के क्रम में नाला उड़ाही कार्यों का अनुश्रवण, चूना ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव, फॉगिग आदि कार्यों का पर्यवेक्षण करने के लिए 12 अधिकारियों की टीम बनाई थी। टीम में शामिल हर अधिकारी को विभन्नि वार्ड आवंटित किए गए थे। इसके बाद पूर्व नगर आयुक्त अचानक 15 दिनों की छुट्टी में चले गए थे। उनके जाने के बाद नाला उड़ाही का काम काफी धीमा पड़ गया। छुट्टी खत्म होने से पहले पूर्व नगर आयुक्त ने अपनी छुट्टी को कुछ दिनों के लिए आगे बढ़ा लिया था। लेकिन बीच में ही वे समस्तीपूर लौट आए थे। आने के बाद उन्होंने नाला उड़ाही आदि कार्य की प्रगति की समीक्षा बैठक की थी। इस बैठक में नाला उड़ाही की गति धीमी रहने पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए सभी सफाई एजेंसियों को कार्य में तेजी लाने का नर्दिेश दिया था। साथ ही संबंधित अधिकारियों को भी उनके कार्य पर नजर रखने की जवाबदेही दी थी। फिर भी नाला उड़ाही आदि कार्य की रफ़्तार तेज नहीं पकड़ रही है। हैरानी की बात यह है कि 47 वार्डों के इस शहर में युद्धस्तर पर नाला उड़ाही का अभियान चलाने के लिए आउटसोर्सिंग एजेंसियों के पास जेसीबी मशीन नहीं है। दैनिक सफाई कर्मियों की संख्या पर्याप्त है पर एजेंसियां इनमें कम सफाई कर्मियों का उपयोग कर कागजी खानापूर्ति अधिक करने में ही लगी रहती हैं।

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