बोले फिरोजाबाद: गलियों में गंदगी के ढेर कर रहे कृष्णा नगर को ‘बीमार
Firozabad News - फिरोजाबाद के कृष्णा नगर में नगर निगम ने कुछ गलियों को इंटरलॉकिंग बनाकर तोहफा दिया, लेकिन कई गलियों को नजरअंदाज कर दिया। इससे क्षेत्र में गंदगी, मच्छर, और बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है। लोग परेशान हैं...

फिरोजाबाद। कच्ची गलियों को इंटरलॉकिंग बनाने का तोहफा तो निगम ने कृष्णा नगर को दिया, लेकिन निगम की अनदेखी से यहां पर कुछ गलियों को ऐसे ही छोड़ दिया है। यह अनदेखी क्षेत्र के लोगों के लिए बड़ी परेशानी बन गई है। यहां पर खाली पड़े प्लॉट में जमा गंदा पानी एवं कूड़ा दुर्गंध का सबब बन रही है तो इसके साथ में क्षेत्र में बीमारियां फैलने की वजह बन रही है। लोग परेशान हैं। एक गली से सामने वाली में जाने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ता है तो इसके साथ में कई बार बुजुर्ग महिलाएं गिर जाती हैं। गलियां न बनने से कई बुजुर्गों को घर में ही कैद रहना पड़ता है। क्षेत्रीयजनों का कहना है कि छोटी छोटी गलियां बनाने में निगम की लापरवाही से बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
हिन्दुस्तान के बोले फिरोजाबाद के तहत कृष्णा नगर में जब संवाद किया तो महिलाएं एक गली को दिखाते हुए कहती हैं, हमारे घर के सामने गली बन गई है, लेकिन सामने वाली गली का अभी तक निर्माण नहीं हुआ है। सामने वाली गली तक जाने के लिए पांच मिनट का रास्ता है, लेकिन इस गली में नीचे उतर कर मुश्किल से जा पाते हैं। गली में ही घरों से निकलने वाला गंदा पानी गिरता है तो यहां पर दलदल जैसी स्थिति बनी रहती है। पहले गली में उतरते हैं तो फिर प्लॉट में जाते हैं, इसके बाद फिर से गली में आते हैं। एक गली में तो गुजरना भी मुश्किल है। अगर इस गली से नहीं जाएं तो घूमकर काफी लंबा चक्कर लगाना पड़ता है, दो मिनट का रास्ता तय करने में 15 से 20 मिनट लग जाते हैं। इन गलियों का निर्माण न होने से क्षेत्र में गंदगी रहती है। इन गलियों के न बनने से इनमें घास उग आई है तो मच्छर पैदा हो रहे हैं। क्षेत्रीयजनों का कहना है कि निगम की अनदेखी से इन गलियों को छोड़ दिया है। अगर यह गलियां बनाई जाएं तो काफी हद तक समस्या का समाधान हो सकता है।
आखिर इन गलियों का क्यों नहीं कराया निर्माण: इधर सबसे बड़ा सवाल इन गलियों का निर्माण न कराए जाने पर है। जब अन्य गलियों में इंटर लॉकिंग बिछाई गई तो फिर इन गलियों को ही क्यों छोड़ दिया गया। इन गलियों को यूं ही छोड़ देने से पूरे क्षेत्र के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह गलियां ही पूरे क्षेत्र में मच्छर एवं बीमारियां फैलने की वजह बन रही हैं। कई बार मांग करने के बाद भी नगर निगम इन सड़कों के निर्माण से क्यों कतरा रहा है।
इन अधूरी गलियों के निर्माण की कई बार मांग कर चुके हैं। इस संबंध में निगम में अपना प्रस्ताव भी सौंपा है। क्षेत्र में भी निगम के कर्मचारी दो बार आकर जल्द गली निर्माण का आश्वासन दे चुके हैं, इस पर नींव भी बनवाई जा चुकी है। एक बार तो लोगों ने चंदा कर ईंटें भी मंगाई, लेकिन इसके बाद भी इन गलियों का निर्माण नहीं हो सका है। नगर निगम द्वारा इस क्षेत्र के साथ पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है। इस संबंध में निगम में फिर से अपनी मांग को रखेंगे, ताकि क्षेत्र के लोगों की समस्याओं का समाधान हो सके।
-मनोज शंखवार, पार्षद
हमारी गली तो बनी हुई है, लेकिन सामने की गली नहीं बनी है। उसमें हर वक्त गंदगी रहती है। इस गंदगी से मच्छरों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। हर साल यहां पर बीमारी फैलती है। बरसात आने वाली है तो अभी से डर लगने लगा है।
-माला देवी
अगर सामने वाली गली में जाना हो तो फिर कीचड़ के बीच से होकर जाना पड़ता है। अगर यहां से नहीं जाएं तो काफी दूर से घूमकर जाना पड़ता है। कई बार गलियों को बनवाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है।
-मीना देवी
गलियों के न बन पाने के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बगैर बनी हुई गलियों में गंदगी रहती है। बच्चे एवं बुजुर्गवार भी बीमार हो रहे हैं। बरसात में तो क्षेत्र की स्थिति काफी खराब हो जाती है।
-संतोषी देवी
अभी तो गर्मी का मौसम शुरू हुआ है। अधूरी पड़ी हुई गलियों का निर्माण न होने से अभी से बच्चों को उल्टी-दस्त की शिकायत होने लगी है। निगम बरसात से पहले ही इन गलियों का निर्माण कराए।
-फूल सिंह
हमारे मोहल्ले में तो नालियों की भी नियमित सफाई नहीं होती है। कभी-कभी सफाई कर्मी आते हैं। ऊपर से अधूरी पड़ी यह गलियां क्षेत्र में बीमारियां फैलने की वजह बन जाती हैं। इनका निगम जल्द निर्माण कराए।
-मीरा
गली अभी तक नहीं बनी है। हमें इस गली में से ही निकलना पड़ता है। जहां पर घरों से निकलने वाला गंदा पानी बह रहा है। कुछ गलियों का तो हाल यह है कि उनमें से कोई व्यक्ति नहीं निकल सकता है।
-सागर
यह गली आज तक नहीं बनी है। सामने वाली सड़क पर जाने के लिए इसी से जाना पड़ता है। इसके लिए नीचे उतरना पड़ता है, फिर दूसरी तरफ ऊपर चढ़ना भी होता है। कई बार हम गिर भी चुके हैं। न जाने कब सड़क बनेगी।
-रेखा देवी
इन दो गलियों से कई बार काम के लिए गुजरना पड़ता है, लेकिन यहां से निकलना भी मुश्किल हो जाता है। इन गलियों में गंदगी होने से क्षेत्र में बीमारियां फैल रही हैं। बरसात में तो हालात बद से बदतर हो जाते हैं। समाधान होना चाहिए।
-अमन कुमार
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