ऊंधनी में प्रशासन ने सील कराई प्रदूषण कारी फैक्ट्री
Firozabad News - फिरोजाबाद के गांव ऊंधनी में अवैध रूप से चल रही लोहा गलाने की फैक्ट्री को प्रशासन ने सील कर दिया। ग्रामीणों की शिकायत पर कार्रवाई की गई, जिससे उन्हें जहरीली गैस से राहत मिली। फैक्ट्री में बिना अनुमति...

फिरोजाबाद। प्रशासन ने सदर तहसील क्षेत्र के गांव ऊंधनी में अवैध रूप से संचालित की जा रही लोहा गलाने की फैक्ट्री को सील कर दिया। इस फैक्ट्री के सील हो जाने पर गांव के लोगों को जहरीली गैस से उत्पन्न प्रदूषण से राहत मिल गई। गांव के किसानों ने गांव ऊंधनी में संचालित की जा रही प्रदूषण कार्य फैक्ट्री के संबंध में प्रशासन से शिकायत की थी। किसानों का कहना था कि करीब आठ माह से इस फैक्ट्री का संचालन अवैध रूप से किया जा रहा है। फैक्ट्री में लोहा गलाया जाता है। जिसमें बदबूदार तेजाब और अन्य तरह के केमिकल प्रयोग किए जाते हैं। फैक्ट्री से जहरीली गैस निकलती है। जिससे आसपास का वातावरण प्रदूषित हो रहा है। स्थानीय लोगों को सांस लेने में भी तकलीफ होने लगती है। आसपास के खेतों में फसल उगाना भी मुश्किल हो गया है।
ग्रामीणों का कहना था कि फैक्ट्री संचालक किसी को फैक्ट्री के अंदर नहीं जाने देता। ना यह बताता है कि फैक्ट्री में किस चीज का उत्पादन हो रहा है। जिससे इतनी बदबूदार गैस निकल रही है। प्रशासन ने शिकायत की जांच कराई तो वह सही पाई गई। जिस पर मुख्य विकास अधिकारी शत्रोहन वैश्य ने फैक्ट्री को सील करने का निर्णय लेते हुए एसडीएम सदर की अध्यक्षता में कार्यवाही करने के लिए कमेटी गठित कर दी।
मंगलवार शाम को कमेटी में शामिल अधिकारी ऊंधनी पहुंच गए। जहां पर उन्होंने प्रदूषण कारी फैक्ट्री को सील कर दिया। प्रशासन की टीम में एसडीएम सदर सत्येंद्र सिंह, उपायुक्त उद्योग संध्या, जिला कृषि अधिकारी सुमित चौहान, अवर अभियंता उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अमनदीप सिंह , सहायक प्रबंधक उद्योग संदीप कुमार आदि अधिकारी मौजूद रहे।
जहाज के रेडिएटर से निकल जाती थी कॉपर सल्फेट
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अवर अभियंता अमनदीप ने बताया कि यह फैक्ट्री बगैर किसी परमिशन के संचालित की जा रही थी। मौके पर पाया गया कि फैक्ट्री में पानी के जहाज के रेडिएटर को उबाल कर कॉपर सल्फेट तैयार किया जाता था। इस प्रक्रिया में कई तरह के हानिकारक केमिकलों का प्रयोग किया जा रहा था।
आखिर क्यों नहीं पता चला अधिकारियों को
ग्रामीणों का कहना था कि बिना अधिकारियों की मिलीभगत के यह फैक्ट्री संचालित नहीं हो सकती थी। कई बार शिकायत की गई लेकिन संबंधित विभागों द्वारा इस ओर कार्रवाई तो दूर निरीक्षण तक करने की जहमत नहीं उठाई गई। जब सीडीओ से मामले की शिकायत की गई तो कार्रवाई और जांच हो गई। ग्रामीणों ने इस फैक्ट्री को संरक्षण देने वालों पर भी कार्रवाई की मांग की है।
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