फर्जी मरीजों का इलाज कर रही थीं डॉक्टर, डीएम के निरीक्षण में सामने आया फर्जीवाड़ा, अब होगा ऐक्शन
- कानपुर में डीएम को निरीक्षण के दौरान बड़ा फर्जीवाड़ा मिला। रविवार को डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह औचक निरीक्षण के लिए निकले। पटकापुर स्थित नगरीय स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में आयोजित किए जा रहे आरोग्य मेले में डीएम को केंद्र की चिकित्साधिकारी डॉक्टर दीप्ति गुप्ता फर्जी मरीजों का इलाज करती मिलीं।
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यूपी के कानपुर में डीएम को निरीक्षण के दौरान बड़ा फर्जीवाड़ा मिला। रविवार को डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह औचक निरीक्षण के लिए निकले। पटकापुर स्थित नगरीय स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में आयोजित किए जा रहे आरोग्य मेले में डीएम को केंद्र की चिकित्साधिकारी डॉक्टर दीप्ति गुप्ता फर्जी मरीजों का इलाज करती मिलीं। इतना ही नहीं रजिस्टर पर फर्जी मरीजों के नाम, पता, मोबाइल नंबर लिखने के साथ दवा का वितरण भी कर रही हैं। डीएम ने डॉ. दीप्ति को फटकार लगाते हुए प्रभारी अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी को कार्रवाई का निर्देश दिया। विभागीय जांच के साथ निलंबन की कार्रवाई करने को कहा। वहीं, पर्यवेक्षक अधिकारी भी इस लापरवाही के जिम्मेदार हैं। उनके खिलाफ डीएम ने कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखा है।
जिलाधिकारी ने रविवार सुबह 10.30 बजे पटकापुर स्थित पीएचसी का औचक निरीक्षण किया। ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर दीप्ति गुप्ता मरीजों के आने का इंतजार कर रही थी। हालांकि रजिस्टर पर कई मरीजों की डिटेल लिखी थी। संदेह होने पर डीएम ने अभिलेख में दर्ज एक मरीज के नंबर पर फोन किया। फोन उठाने वाले ने अपना नाम सईद, पटकापुर निवासी बताया। डीएम के पूछने पर सईद ने बताया कि वह कभी भी पीएचसी नहीं गया है। यह सुनते ही जिलाधिकारी भड़क गए और संबंधित डॉक्टर को फटकार लगाई। डीएम के डांटने पर डॉ. दीप्ति ने खुद स्वीकार किया कि पीएचसी पर सुबह से कोई मरीज नहीं आया है। उन्होंने रजिस्टर पर फर्जी मरीजों के नाम चढ़ा रखे हैं।
रजिस्टर पर चढ़ी सभी प्रविष्टियां गलत हैं। यह सुनते ही डीएम ने कहा कि यहां फर्जीवाड़ा चल रहा है। संबंधित जिम्मेदार अधिकारी भी आंख बंद किए हैं। डीएम ने कहा कि फर्जी मरीजों की सूची बनी है। इसका मतलब केंद्र से दवाइयां भी उपलब्ध कराई गई हैं। डीएम ने सीएमओ को निर्देश दिया कि पीएचसी के सभी दस्तावेज कब्जे में लेकर जांच करें और आख्या प्रस्तुत करें। दवा का स्टॉक रजिस्टर भी चेक करें और रिपोर्ट दें। डीएम ने नोडल अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आरएन सिंह को डॉ. दीप्ति के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। वहीं, पर्यवेक्षक अधिकारियों के खिलाफ शासन को पत्र लिखा गया है।
एडवांस में भरे थे मरीजों के नाम-पते
जिलाधिकारी ने आरोग्य मेले में आए मरीजों का विवरण देखने के लिए रजिस्टर मांगा तो हैरान रह गए। रजिस्टर पर 16 फरवरी के बजाए 17 फरवरी पर 24 मरीजों की प्रविष्टियां अंकित मिली। यह देखते हुए डीएम चौंक गए। उन्होंने एक मरीज का मोबाइल पर फोन किया तो नंबर गलत मिला। दूसरा नंबर मिलाने पर फर्जीवाड़ा की हकीकत सामने आई।