बंदी फरार होने के मामले में हेड कांस्टेबल निलंबित
Deoria News - देवरिया में एक पाक्सो एक्ट के आरोपी की न्यायालय से फरार होने के मामले में हेड कांस्टेबल श्रीकृष्ण राम को निलंबित कर दिया गया है। आरोपी शिवा बांसफोर को पुलिस अभिरक्षा में पेशी के दौरान भागने में सफल...

देवरिया, निज संवाददाता। दीवानी न्यायालय में पेशी पर आए पाक्सो एक्ट के बंदी के फरार होने के मामले में लापरवाही सामने आने के बाद हेड कांस्टेबल श्रीकृष्ण राम को एसपी विक्रांत वीर ने शुक्रवार को निलंबित कर दिया। यह कार्रवाई एसपी ने सीओ सिटी की रिपोर्ट आने के बाद की है। अब पूरे प्रकरण की जांच एएसपी अरविंद कुमार वर्मा करेंगे। कुशीनगर जनपद के हाटा कोतवाली के ग्राम गांधी नगर निवासी शिवा बांसफोर अपनी रिश्तेदारी की एक किशोरी का महुआडीह थाना क्षेत्र से बहला-फुसलाकर 8 अप्रैल को अपहरण कर लिया था। इस मामले में महुआडीह पुलिस पाक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज कर दो मई को शिवा पुत्र राजेंद्र बांसफोर को जेल भेजी थी।
गुरुवार को उसकी डीएनए टेस्ट के लिए न्यायालय में पेशी थी, हेड कांस्टेबल उसे दीवानी न्यायालय के हवालात से लेकर न्यायालय पहुंचा और पेशी कराने के बाद न्यायालय परिसर स्थित हवालात की तरफ ले जा रहा था। इसी बीच शिवा हेड कांस्टेबल श्रीकृष्ण राम को धक्का दे दिया और फिर चहारदीवारी फांद फरार हो गया। इस मामले में देर रात हवालात प्रभारी ने लापरवाही बरतने वाले हेड कांस्टेबल श्रीकृष्ण राम व पुलिस अभिरक्षा से फरार बंदी शिवा के विरुद्ध सदर कोतवाली में केस दर्ज करा दिया। उधर सीओ सिटी संजय कुमार रेड्डी ने पूरे मामले की जांच की। जांच में प्रथम दृष्टया हेड कांस्टेबल की लापरवाही सामने आने के बाद अपनी रिपोर्ट एसपी को दे दी। एसपी ने शुक्रवार दोपहर को हेड कांस्टेबल को निलंबित कर दिया। एसओजी व सर्विलांस टीम ने कुशीनगर में दी दबिश दीवानी न्यायालय परिसर से पुलिस अभिरक्षा में फरार बंदी शिवा की गिरफ्तारी अब पुलिस के लिए चुनौती बनने लगी है। पुलिस की दो टीमों ने गुरुवार की रात व शुक्रवार को कुशीनगर जनपद के विभिन्न जगहों पर दबिश दी, हालांकि फरार बंदी पुलिस के हाथ नहीं लग सका। हालांकि पुलिस अधिकारी जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लेने का दावा कर रहे हैं। कुशीनगर जनपद के रहने वाले शिवा की कई रिश्तेदारियां देवरिया व कुशीनगर जनपद में है। पुलिस को उम्मीद थी कि वह अपने रिश्तेदारों के यहां जरुर पहुंचेगा, हालांकि कई जगहों पर एसओजी व सर्विलांस की टीम ने दबिश तो दी, लेकिन उसका पता नहीं चल सका। इसके बाद पुलिस ने उसके कई रिश्तेदारों व घर के लोगों के मोबाइल नंबर का डिटेल भी लगातार खंगाल रही है, लेकिन कोई सुराग देर शाम तक नहीं लगा था। सीसी फुटेज भी पुलिस ने सीसी रोड समेत कई जगहों की खंगाली, जिसमें वह पैदल ही जाते हुए नजर आया है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि वह भागने में या तो आटो का प्रयोग किया है फिर ट्रेन का। फिलहाल जल्द ही वह पकड़ लिया जाएगा। बंदी की पेशी में भी बरती जा रही लापरवाही जेल से न्यायालय तक जिन्हें पुलिस लेकर आती है, वह अपराधी होते हैं। अपराधियों को दीवानी न्यायालय के हवालात से कोर्ट तक पेशी पर ले जाने के दौरान अपराधियों के हाथ की हथकड़ी खुली रहती है और हाथ पकड़ कर पुलिसकर्मी उन्हें न्यायालय तक ले जाते हैं। हवालात से न्यायालय तक पेशी पर ले जाने के समय पुलिस विभाग लगातार लापरवाही बरत रहा है। पुलिस लाइन में तैनात 50 वर्ष से अधिक उम्र के पुलिस कर्मियों की इसमें ड्यूटी ही नहीं लगनी चाहिए, लेकिन 2027 में सेवानिवृत्त होने वाले श्रीकृष्ण राम की भी ड्यूटी लगा दी गई। जब वह भागने लगा तो वह दौड़ाने में भी सफल नहीं हो पाए।
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