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डालमिया बाग : पर्चियों पर हुए 500 करोड़ के लेनदेन की ईडी करे जांच, सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल

  • यूपी के मथुरा जिले के वृंदावन में डालमिया फार्म में कॉलोनी बनाने के उद्देश्य से 454 पेड़ों के अवैध कटान मामले में उच्च स्तरीय जांच समिति के गठन के बाद अब वित्तीय अनियमितताओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका डाली गई है।

Dinesh Rathour लाइव हिन्दुस्तान, मथुरा (वृंदावन)Sat, 30 Nov 2024 11:17 PM
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डालमिया बाग : पर्चियों पर हुए 500 करोड़ के लेनदेन की ईडी करे जांच, सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल

यूपी के मथुरा जिले के वृंदावन में डालमिया फार्म में कॉलोनी बनाने के उद्देश्य से 454 पेड़ों के अवैध कटान मामले में उच्च स्तरीय जांच समिति के गठन के बाद अब वित्तीय अनियमितताओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका डाली गई है, जिसमें 500 करोड़ रुपए से अधिक लेन-देन की जांच प्रवर्तन निदेशालय से कराने की मांग की गई है। याचिका पर डायरी नंबर मिल गया है, जल्द ही कोर्ट इस मामले पर सुनवाई करेगी।

अधिवक्ता नरेंद्र कुमार गोस्वामी ने भारत संघ एवं अन्य को प्रतिवादी बनाते हुए चार नवंबर को जनहित याचिका लगाई थी। जिस पर 14 नवंबर को डायरी नंबर 52918/2024 मिल गया और 18 नवंबर को याचिका की खामियों को दूर कर लिया गया है। अधिवक्ता ने पर्यावरणीय रूप से संवेदनशील ताज ट्रेपेज़ियम ज़ोन में 454 पवित्र वृक्षों की अवैध कटाई और 500 करोड़ से अधिक के धोखाधड़ीपूर्ण भूमि लेन-देन के गंभीर आरोप लगाए हैं। याचिका में कहा गया है कि गुरुकृपा तपोवन कॉलोनी नामक परियोजना के अंतर्गत धोखाधड़ीपूर्ण विकास कार्य किए जा रहे थे।

इनमें अवैध कच्ची पर्चियों के माध्यम से 500 करोड़ से अधिक का लेन-देन हुआ है। याचिकाकर्ता ने इन वित्तीय अनियमितताओं की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से कराने और पूरे क्षेत्र में सभी अवैध निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। अधिवक्ता ने बताया कि जल्द ही कोर्ट इस याचिका पर सुनवाई करेगा और उनकी तरफ से ईडी से जांच कराने की मांग पर बल दिया जायेगा।

एनजीटी दे चुका है यथास्थिति आदेश

गौरतलब है कि डालमिया फार्म में पेड़ों के अवैध कटान पर अधिवक्ता नरेंद्र कुमार गोस्वामी और सामाजिक कार्यकर्ता मधुमंगल शरण दास शुक्ला की जनहित याचिका पर सुनवाई करने के बाद एनजीटी ने 30 सितम्बर के आदेश में उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित की है, जिसमें जिलाधिकारी मथुरा, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक सदस्य, पर्यवारण और वन मंत्रालय के एक सदस्य, प्रिंसिपल चीफ कंजर्वेटर ऑफ फारेस्ट के एक सदस्य तथा निदेशक फारेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया को शामिल किया गया। एनजीटी ने फार्म हाउस की सेटेलाइट इमेज सुरक्षित करने के साथ यथास्थिति बनाये रखने के आदेश किये थे। समिति द्वारा जांच की जा रही है और जनवरी में रिपोर्ट दाखिल करनी है।

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