Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़BSA is not worthy of holding the post Allahabad High Court strict on the officer of jalaun

पद पर बने रहने के लायक नहीं हैं बीएसए, इस जिले के अधिकारी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट सख्त

आदेश के बाद भी अनुकंपा पर नौकरी नहीं देने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट जालौन के बीएसए पर सख्त हो गया है। हाईकोर्ट ने यहां तक कहा कि बीएसए अपने पद पर बने रहने के लायक नहीं है।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तानTue, 18 Feb 2025 10:41 PM
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पद पर बने रहने के लायक नहीं हैं बीएसए, इस जिले के अधिकारी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट सख्त

कोर्ट के आदेश के बावजूद अनुकंपा नियुक्ति देने से इनकार करने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जालौन के बेसिक ​शिक्षा अ​धिकारी पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया बीएसए पद पर बने रहने के योग्य नहीं हैं। कोर्ट ने 27 फरवरी 2025 को उन्हें तलब करते हुए स्पष्टीकरण मांगा कि क्यों ने अवमानना कार्यवाही की जाए एवं क्यों न विभागीय कार्रवाई के लिए राज्य सरकार को भेजा जाए। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की पीठ ने आस्था मिश्रा की याचिका अ​धिवक्ता कमल कुमार केशरवानी को सुनकर दिया।

याचिकाकर्ता की माता प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर जनपद जालौन में कार्यरत थीं। सन 2021 में उनकी मृत्यु हो गई। पिता 2019 में सेवानिवृत्त हो चुके थे। ऐसे में याची ने अनुकंपा नियु​क्ति के लिए आवेदन किया था, जिसे जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि याची विवाहित पुत्री है और वह परिवार की श्रेणी में नहीं आती।

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इसके विरुद्ध हाईकोर्ट में याचिका दा​खिल की गई। जिस पर कोर्ट याची के पक्ष में आदेश जारी किया। इसके बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने यह कहते हुए नियु​क्ति देने से इनकार कर दिया कि याची के माता-पिता दोनों सेवा में थे, इसलिए नियुक्ति नहीं दी जा सकती है। याची ने पुन: हाईकोर्ट में याचिका दा​खिल की। आदेश याची के पक्ष में रहा। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने पुनः माता-पिता के सेवा में होने के आधार पर नियु​क्ति नहीं दी।

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याची ने पुन: हाईकोर्ट में याचिका दा​खिल की। न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की पीठ ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया। इस पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने नया आधार लेते हुए नियु​क्ति नहीं दी कि याची ने बीएड किया है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के आधार पर बीएड डिग्री धारक को सहायक अध्यापक नहीं बनाया जा सकता।

याची के अ​धिवक्ता कमल कुमार केशरवानी ने दलील दी कि याची ने अनुकंपा नियु​क्ति के लिए 2021 में आवेदन प्रस्तुत किया था। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय इस केस पर लागू नहीं होगा। कोर्ट ने बार-बार अलग-अलग आधार पर अनुकंपा नियु​क्ति के आवेदन को खारिज करने पर नाराजगी जताते हुए बीएसए को 27 फरवरी 2025 को तलब किया है।

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