चहेतों को ठेका देने के मामले में बड़ा ऐक्शन, PWD के दो अधीक्षण और एक मुख्य अभियंता हटाए गए
- चहेतों को ठेका देने के मामले में लोक निर्माण विभाग में तैनात दो अधीक्षण अभियंताओं और एक मुख्य अभियंता को हटा दिया गया है। तीनों को प्रमुख अभियंता कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। उनकी जगह पर तीन अन्य को तैनाती दी गई है।
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चहेतों को ठेका देने के मामले में लोक निर्माण विभाग में तैनात दो अधीक्षण अभियंताओं और एक मुख्य अभियंता को हटा दिया गया है। तीनों को प्रमुख अभियंता कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। उनकी जगह पर तीन अन्य को तैनाती दी गई है। शुक्रवार देर शाम को लोक निर्माण विभाग ने छह अभियंताओं को तबादले कर दिए। सूत्रों के मुताबिक देवीपाटन मंडल में बीते काफी समय से लोक निर्माण विभाग के ठेकों में खेल हो रहा था। तय दर से कम दर पर टेंडर डलवाकर यहां कुछ अभियंता अपने चहेते ठेकेदारों को टेंडर दिलवा रहे थे।
जानकारी के मुताबिक बहराइच से एमएलसी पद्मसेन चौधरी ने इस मामले में मंडल के मुख्य अभियंता अवधेश चौरसिया और अधिशासी अभियंता भगवान दास की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की थी। उन्होंने पहले इन दोनों अभियंताओं से मिलकर भी ठेकेदारों को टेंडर में खेल के बारे में कहा था। तब दोनों अभियंताओं ने सब कुछ इशारों-इशारों में शासन पर डाल दिया था। मामला जब मुख्यमंत्री के पास पहुंचा तो उनके निर्देश मामले की जांच की गई। जांच में आरोप सही पाए गए। इसके बाद ही इन दोनों अभियंताओं के साथ ही गोंडा वृत्त के अधीक्षण अभियंता लाल जी को भी उनके पद से मुक्त करके प्रमुख अभियंता कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है।
इनके अतिरिक्त प्रमुख अभियंता कार्यालय से संबद्ध अजय भास्कर को बहराइच-श्रावस्ती सर्किल में तैनात किया गया है। मुख्य अभियंता अखिलेश कुमार को पीएमजीएसवाई मेरठ से देवीपाटन गोंडा क्षेत्र में तैनात किया गया है। अधीक्षण अभियंता 39वां वृत्त योगेंद्र सिंह को स्थानांतरित करते हुए गोंडा वृत्त में तैनाती दी गई है।
बहराइच एमएलसी पदमसेन चौधरी ने बताया, ये अभियंता अपने चहेते ठेकेदारों के लिए टेंडर मैनेज करते थे। जब आरोपित अभियंताओं से शिकायत की गई तो उन्होंने कहा कि सब कुछ शासन से होता है। इस संबंध में चार दिन पूर्व मुख्यमंत्री से समय लेकर मुलाकात की थी और उनके शिकायती पोर्टल पर भी पूरे मुद्दे को तथ्यात्मक तरीके से रखा। उन्होंने जांच करवाई और उसमें पुष्टि हुई। यह लोक निर्माण विभाग में भ्रष्टाचार पर अब तक मंडल में सबसे बड़ी कार्रवाई है।