Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Administration became strict after Sambhal violence 300 CCTV cameras will be installed at 127 places for security

संभल हिंसा के बाद सख्त हुआ प्रशासन, सुरक्षा के लिए 127 स्थानों पर लगाए जाएंगे 300 सीसीटीवी कैमरे

  • संभल में पिछले साल हुई हिंसक घटनाओं को लेकर प्रशासन शहर की सुरक्षा के लिए संवेदनशील क्षेत्रों सहित 127 स्थानों पर 300 'क्लोज सर्किट टेलीविजन' (सीसीटीवी) कैमरे लगाने जा रहा है। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।

Dinesh Rathour हिन्दुस्तान, संभल, भाषाSun, 23 Feb 2025 02:50 PM
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संभल हिंसा के बाद सख्त हुआ प्रशासन, सुरक्षा के लिए 127 स्थानों पर लगाए जाएंगे 300 सीसीटीवी कैमरे

संभल में पिछले साल हुई हिंसक घटनाओं को लेकर प्रशासन शहर की सुरक्षा के लिए संवेदनशील क्षेत्रों सहित 127 स्थानों पर 300 'क्लोज सर्किट टेलीविजन' (सीसीटीवी) कैमरे लगाने जा रहा है। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी (ईओ) मणि भूषण तिवारी ने बताया कि 15वें वित्त आयोग के अनुदान के तहत दो करोड़ रुपये के सीसीटीवी कैमरे निगरानी के लिए शहर भर में लगाये जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले साल 24 नवंबर को संभल के कोट गर्वी इलाके में मुगलकालीन जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क गई जिसमें गोली लगने से चार लोगों की मौत हो गयी और कई अन्य घायल हो गए।

उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने सुरक्षा सुनिश्चित करने और भविष्य में होने वाली किसी भी घटना पर प्रभावी ढंग से निगरानी रखने के लिए इस योजना का प्रस्ताव रखा है। तिवारी ने कहा कि पहले से स्थापित सीसीटीवी कैमरों ने उपद्रवियों पर नजर रखने और उनकी पहचान करने में महत्वपूर्ण सहायता की है। अधिकारी ने कहा कि शहर भर में 127 स्थानों पर नए सीसीटीवी कैमरे सुरक्षा और निगरानी को मजबूत करेंगे और इससे यातायात प्रबंधन, कानून प्रवर्तन और सार्वजनिक सुरक्षा में वृद्धि होने की उम्मीद है, खासकर झपटमारी को रोकने और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। कैमरे प्रमुख प्रवेश और निकास बिंदुओं, संवेदनशील क्षेत्रों और प्रमुख चौराहों पर लगाए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि 'वॉयस कंट्रोलर' को सिस्टम में एकीकृत किया जाएगा। उन्होंने कहा, 'कैमरों के नियंत्रण और निगरानी के काम का संचालन दो केंद्रीकृत नियंत्रण कक्षों के माध्यम से किया जाएगा। एक कक्ष से संचालन अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) की देखरेख में होगा, जबकि दूसरे कक्ष का संचालन पुलिस,नगर निगम के अधिकारियों और रखरखाव के लिए जिम्मेदार एजेंसी द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा।' तिवारी ने बताया कि यह परियोजना शुरू हो गई है और पूर्ण कार्यान्वयन में दो से तीन महीने लगने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि एक बार काम पूरा होने पर संभल भर की गतिविधियों पर नजर रखी जा सकेगी।

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