चिराग पासवान की पार्टी लोजपा-आर की सांसद शांभवी चौधरी जेडीयू के नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी मंत्री अशोक चौधरी की बेटी हैं। शांभवी पहली बार चुनाव लड़ीं और समस्तीपुर से एमपी बनी हैं।
आरोपित कुन्दन राम को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसका पुराना आपराधिक इतिहास रहा है। हथियार के बल पर लूट को अंजाम देने के मामले में वह जेल जा चुका है।
दिल्ली चुनाव में आप संयोजक अरविंद केजरीवाल के जीत के दावे पर जेडीयू के महासचिव अशोक चौधरी ने तंज कसते हुए कहा कि वो क्या अंतरयामी हैं। कौन जीतेगा, कौन हारेगा, कैसे पता चलेगा? हम लोग भी 10 चुनाव लड़ चुके हैं।
मोकामा गोलीकांड में अनंत सिंह का बचाव करते हुए नीतीश सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि अगर कोई गोली चलाएगा तो सेल्फ डिफेंस में कदम उठाना पड़ता है। कानून का पालन करके जेल गए। बिहार में अपहरण उद्योग की शुरूआत करने वाली आरजेडी इस मामले पर बोलने का अधिकार नहीं है।
सीएम नीतीश के करीबी और बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने महागठबंधन पर तंज कसा है। उन्होने कहा कि अगर बिहार में कांग्रेस खुद के पैरों पर खड़ी नहीं होती है तो लालू प्रसाद भविष्य में उसे पनपने नहीं देंगे। आगामी चुनाव में महागठबंधन 20-25 सीटों में सिमट जाएगी।
तेजस्वी यादव के डीके टैक्स वाले बयान पर पलटवार करते हुए मंत्री अशोक चौधरी ने लालू-राबड़ी शासन काल की याद दिलाते हुए कहा कि तब बिहार में अलग अलग टैक्स लगते थे। रंगदारी टैक्स, अपहरण जैसे अपराध के साथ ही मामा टैक्स और साला टैक्स भी लगता था।
मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि इस साल जून यानी बारिश के मौसम से पहले गांवों की सड़कों को गड्ढामुक्त कर दिया जाएगा। वहीं, सड़कों के निर्माण के बाद अब उनकी पांच के बजाय 7 साल तक मरम्मत की जाएगी।
आईपीएस किशोर कुणाल के बेटे सायण कुणाल ने मंत्री अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी से शादी करने का फैसला किया। अशोक चौधरी दलित समाज (पासी जाति) से आते हैं। किशोर कुणाल को नई पीढ़ी के इस फैसले पर कोई आपत्ति नहीं हुई। उन्होंने खुशी खुशी इस संबंध पर अपनी सहमती की मुहर लगा दी।
आचार्य किशोर कुणाल का जन्म मुजफ्फरपुर के बरुराज गांव के एक भूमिहार परिवार में 10 अगस्त 1950 को हुआ था। उनके पिता का रामचंद्र शाही किसान और सामाजसेवी थे। किशोर कुणाल आरंभिक शिक्षा गांव के ही स्कूल में हुई थी। बरुराज हाई स्कूल से उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा पास की
मोतिहारी में जेडीयू कार्यकर्ता सम्मेलन में मंच पर मौजूद मंत्रियों और विधायकों के सामने ही दो नेताओं के समर्थक आपस में भीड़ गए और देखते ही देखते मारपीट हो गई। लात-घूंसे चलने लगे। हालांकि बाद में दल के नेताओं ने बीच बचाव कर मामले को शांत कराया।