पड़ोसी भगा ले गया पत्नी; राजस्थान में मंत्री से पति की फरियाद- साहब मेरी बीवी बरामद करवा दो
राजस्थान के कोटा जिले के रामगंजमंडी में आयोजित जनसमस्या समाधान शिविर में उस वक्त सभी चौंक गए जब एक व्यक्ति ने मंत्री से बेहद अनोखी और निजी फरियाद करते हुए कहा—“साहब, मेरी बीवी पड़ोसी के साथ भाग गई है, पुलिस कुछ नहीं कर रही, मेरी मदद करो!”

राजस्थान के कोटा जिले के रामगंजमंडी में आयोजित जनसमस्या समाधान शिविर में उस वक्त सभी चौंक गए जब एक व्यक्ति ने मंत्री से बेहद अनोखी और निजी फरियाद करते हुए कहा—“साहब, मेरी बीवी पड़ोसी के साथ भाग गई है, पुलिस कुछ नहीं कर रही, मेरी मदद करो!”
यह मामला जनसुनवाई शिविर का है, जिसे रामगंजमंडी विधायक और प्रदेश सरकार के शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने खुद आयोजित किया था। जनसमस्या समाधान शिविर में हर बार क्षेत्र के लोगों की छोटी-बड़ी शिकायतें सामने आती हैं, लेकिन इस बार मामला कुछ हटकर था।
खीमच गांव से पहुंचे धर्मेंद्र बैरवा, जो मोड़क थाना क्षेत्र का निवासी है, वह अपनी फरियाद लेकर मंत्री के सामने पहुंचा और कैमरों के सामने अपनी पूरी आपबीती बयान कर दी। धर्मेंद्र ने कहा कि उसके ही गांव का रहने वाला पड़ोसी सोनू, उसकी पत्नी वर्षा को बहला-फुसलाकर भगा ले गया है। महिला न सिर्फ घर से चली गई, बल्कि जाते-जाते घर के सोने-चांदी के जेवर, नकदी, बैंक पासबुक और दो साल की मासूम बच्ची को भी अपने साथ ले गई।
धर्मेंद्र की मानें तो उसकी बड़ी बेटी मुस्कान (9 वर्ष) और प्रीति (5 वर्ष) अब उसके पास हैं और मां की याद में दिन-रात रोती हैं। उसने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी, लेकिन एक माह बाद भी कार्रवाई के नाम पर सन्नाटा है। यहां तक कि आरोपी के भाई से भी पुलिस ने कोई पूछताछ नहीं की, जबकि उसे पूरे मामले की जानकारी थी।
इस अनोखी और भावनात्मक फरियाद को सुनते ही शिविर में मौजूद लोग सन्न रह गए। मंत्री मदन दिलावर ने तुरंत एक्शन लेते हुए मौके पर मौजूद पुलिस उपाधीक्षक घनश्याम मीणा को निर्देश दिए कि इस मामले में तत्काल कार्रवाई की जाए और महिला की बरामदगी सुनिश्चित हो।
डीएसपी घनश्याम मीणा ने बताया कि इस संबंध में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज है और अब आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जल्द ही महिला और बच्ची को बरामद कर लिया जाएगा, और आरोपी के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
रामगंजमंडी विधानसभा क्षेत्र में हर 15 दिन में इस तरह के जनसुनवाई शिविर आयोजित किए जाते हैं, जिसमें आमजन की शिकायतें सुनी जाती हैं। लेकिन इस बार की सुनवाई ने सभी को चौंका दिया, क्योंकि मामला केवल घरेलू नहीं बल्कि सामाजिक तानेबाने से भी जुड़ा नजर आया।
अब देखना यह होगा कि पुलिस इस मामले में कितनी तत्परता दिखाती है और फरियादी धर्मेंद्र की पत्नी और मासूम बच्ची को वापस लाने में कितनी जल्दी कामयाबी मिलती है। वहीं, मंत्री द्वारा मामले को गंभीरता से लेने के बाद पीड़ित को भी अब राहत की उम्मीद दिख रही है।
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