'राहुल गांधी ठान लें तो झुकना पड़ता है', सचिन पायलट ने किसे दे दिया जाति जनगणना का क्रेडिट
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जातिगत जनगणना करवाने का ऐलान कर दिया है। सचिन पायलट ने इसका क्रेडिट राहुल गांधी को दिया है। पायलट ने राहुल गांधी की जमकर तारीफ की है।

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने देश में जातिगत जनगणना करवाने का ऐलान कर दिया है। केंद्र सरकार के इस ऐलान के बाद क्रेडिट लेने की होड़ सी मची हुई है। एक ओर कांग्रेस जातिगत जनगणना के ऐलान का पूरा श्रेय राहुल गांधी को दे रही है तो दूसरी ओर भाजपा इस दावे को नकार रही है। कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने गुरुवार को दावा किया कि जातिगत गणना को लेकर सरकार का निर्णय राहुल गांधी के दबाव का नतीजा है। उन्होंने यह भी कहा कि देश ने देख लिया है कि जब कांग्रेस और नेता प्रतिपक्ष कोई फैसला ठान लेते हैं तो केंद्र सरकार को झुकना पड़ता है।
राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम और कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि जातिगत गणना वैज्ञानिक, विस्तृत और पारदर्शी तरीके से की जानी चाहिए, जैसा कि तेलंगाना में किया गया। पायलट ने कहा कि जातिगत गणना को सतही ढंग से नहीं किया जाना चाहिए।
सचिन पायलट ने किसे दिया जनगणना का क्रेडिट
कांग्रेस महासचिव ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के प्रयासों की तारीफ की। पायल ने कहा कि राहुल गांधी लंबे समय से जातिगत गणना के मुद्दे को उठाते रहे हैं, लेकिन भाजपा और सरकार इसका विरोध यह कहते हुए करती रही कि यह देश के हित में नहीं है और इससे देश का बंटवारा होगा। राहुल गांधी और कांग्रेस के दबाव के कारण अचानक सरकार ने यह फैसला ले लिया। उन्होंने कहा कि पूरा देश गवाह है कि जब कांग्रेस और राहुल गांधी कुछ ठान लेते हैं, तो सरकार को वह करना ही पड़ता है। जातिगत जनगणना के ऐलान के बाद सचिन पायलट ने राहुल गांधी की तारीफ करते हुए कहा कि जो लोग पहले राहुल जी का विरोध कर रहे थे, अब उन्हें भी समझ में आ गया है कि लोकतंत्र की ताकत सर्वोपरि होती है।
कांग्रेस ने गुरुवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हेडलाइन देने के मास्टर हैं, लेकिन डेडलाइन नहीं देते हैं। उन्होंने सरकार के जातिगत गणना के फैसले को पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान पर सख्त कार्रवाई की मांगों से ध्यान भटकाने की रणनीति करार दिया।
केंद्र सरकार ने बुधवार को घोषणा की कि आगामी जनगणना में जाति संबंधी आंकड़े भी एकत्र किए जाएंगे। यह आज़ादी के बाद पहली बार होगा जब जनगणना में जाति का विवरण शामिल किया जाएगा।