डिर्पोटेशन केस में हाईकोर्ट की एंट्री, पंजाब सरकार को इमिग्रेशन चेक पोस्ट बनाने का दिया आदेश
- deportation: अमेरिका से निर्वासित किए गए भारतीयों को लेकर तीन अमेरिकी विमान आ चुके हैं। अब ऐसे में डिपोर्टेशन के मामले में हाईकोर्ट की भी एंट्री हो गई है। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब की मान सरकार को इमिग्रेशन चेक पोस्ट बनाने का आदेश दिया है।
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डंकी रूट से अमेरिका में घुसने और फिर उन्हें वहां से डिपोर्ट करने के मामले में अब पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की भी एंट्री हो गई है। सोमवार को हाईकोर्ट ने पंजाब के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे फर्जी ट्रैवल एजैंटों के खिलाफ कार्रवाई करने और पंजाब से अमरीका में अवैध आप्रवास को रोकने के लिए इमिग्रेशन चेक पोस्ट स्थापित करें। कोर्ट ने इस बारे में पंजाब सरकार को अपना पक्ष रखने को एक माह का समय दिया है। चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस हरमीत सिंह ग्रेवाल पर आधारित बैंच ने याचिकाकर्ता को संबंधित अधिकारियों के समक्ष अपना पक्ष रखने को कहा है।
इस पूरे मामले पर बैंच ने अधिकारियों को 30 दिन में एक स्पीकिंग ऑर्डर पारित करने और उस पर हुई कार्रवाई के बारे में सूचित करने का भी निर्देश दिया। कोर्ट एडवोकेट कंवर पाहुल सिंह द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिन्होंने हाल ही में अमरीका से पंजाब के निवासियों के बड़े पैमाने पर निर्वासन की घटना को उजागर किया था। याचिका में उन्होंने पंजाब के सभी जिलों में इमिग्रेशन अधिनियम, 1983 की धारा 6 के तहत इमिग्रेशन चैक पोस्ट बनाने करने के लिए तत्काल और आवश्यक कदम उठाने के निर्देश देने की मांग की थी।
डिर्पोटेशन से पंजाब के लोगों को करोड़ों रुपए का नुकसान
याचिका में मांग की गई थी कि भारत से दूसरे देशों में प्रवास की प्रक्रिया को सरल बनाया जाए और भविष्य में अमेरिका की ओर से डिपोर्टेशन की कार्रवाई को रोका जाए। हाल की डिर्पोटेशन से पंजाब के लोगों को करोड़ों रुपए का आर्थिक नुकसान हुआ है। याचिका में यह भी निर्देश देने की मांग की गई है कि अपनी वैबसाइट पर 'प्रमाणित भर्ती एजेंटों' और भारत के बाहर स्थापित अनुमत नियोक्ताओं की सूची को अपग्रेड करने के लिए तत्काल कदम और आवश्यक उपाय किए जाएं।
याचिका पर सुनवाई के दौरान पंजाब की ओर से पेश हुए वकील ने अदालत को बताया कि अवैध निर्वासितों को लेकर उड़ान अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरी लेकिन सभी अवैध आप्रवासी पंजाब के नहीं थे। पहली उड़ान से कुल 104 लोग आए, जिनमें से 32 अवैध आप्रवासी पंजाब से, 32 हरियाणा से और शेष अन्य राज्यों से थे। केंद्र सरकार के वरिष्ठ स्थायी वकील धीरज जैन ने बताया कि जिन्हें वापस भेजा गया है, वह स्टडी और टूरिस्ट वीजा पर यूरोपीय देशों के लिए भारत से निकले और वहां से वे अवैध रूप से अमरीका चले गए। उन्होंने बताया कि प्रवासियों का संरक्षण अधिनियम केवल उन अप्रवासियों पर लागू होता है, जो वर्क वीजा पर जाते हैं।
अब तक 332 अवैध भारतीय लोगों को अमेरिका से निकाला
अवैध अप्रवासियों पर कार्रवाई के तहत डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा निर्वासित किए जाने वाले ऐसे भारतीयों को तीन जत्थों में वापस भेजा जा चुका है। अमेरिका के सैन्य विमान को तीनों बार अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंड करवाया गया। कुल 332 अवैध भारतीय लोगों को अमेरिका से निकाला जा चुका है। इनमें से ज्यादातर पंजाब और हरियाणा के लोग थे जो लाखों रुपए खर्च कर अवैध तरीके से अमेरिका में घुसे और वहां पकड़े गए। ये लोग एजेंटों के झांसे में आकर लाखों रुपए खर्च कर वहां गए थे।
रिपोर्ट: मोनी देवी
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