वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक बार फिर पारंपरिक ‘बही-खाता’ शैली की थैली में लिपटे एक डिजिटल टैबलेट के जरिये शनिवार को अपना लगातार आठवां बजट पेश करेंगी। यह नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा बजट होगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2025-26 के आम बजट को शनिवार को मंजूरी दे दी है।
ओडिशा कैडर के 1987 बैच के IAS अधिकारी तुहिन कांत पांडे को हाल ही में वित्त और राजस्व सचिव बनाया गया है। इससे पहले वह DIPAM यानी डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट के सचिव रह चुके हैं। बजट से कुछ दिन पहले ही उन्हें आयकर कानूनों में सुधार की देखरेख का काम सौंपा है।
वी अनंत नागेश्वरन बजट निर्माण करने वाली टीम के अहम सदस्यों में से एक हैं। उनपर आर्थिक सर्वेक्षण तैयार करने का जिम्मा था। IIM अहमदाबाद से डिग्री लेने वाले नागेश्वरन ने मैसाचुसेट्स यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट हासिल की है। CEO होने के नाते उनका काम अर्थव्यवस्था की स्थिति और विकास को तेज करने के लिए सुझाव देना है।
1991 बैच के IAS अधिकारी मनोज गोविल मध्य प्रदेश कैडर के हैं। वह सरकार के खर्च को संभालने में अहम भूमिका निभाते हैं। व्यय विभाग संभालने से पहले वह कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय में सचिव के तौर पर काम कर रहे थे। गोविल का काम यह सुनिश्चित करना है कि राजस्व के लक्ष्य को पूरा करने के साथ-साथ ऐसे क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाए, जहां खर्च की जरूरत है।
आर्थिक मामलों के विभाग के प्रमुख अजय सेठ 1987 बैच के कर्नाटक कैडर के IAS अधिकारी हैं। उनका काम बजट से जुड़े दस्तावेज तैयार करना और आर्थिक स्थिरता बनाए रखना है। उनका विभाग बदलती वैश्विक आर्थिक स्थितियों के बीच आर्थिक नीतियां तय करने का भी काम करेगा।
1993 बैच के त्रिपुरा कैडर के IAS अधिकारी एम नागराजू वित्तीय सेवाओं का विभाग संभालते हैं। इससे पहले वह कोयला मंत्रालय का हिस्सा था, जहां उन्होंने कोल सेक्टर को निजी क्षेत्र के लिए खोलने में अहम भूमिका निभाई थी। वह भारत की बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विसेज को मजबूत करने के लिए भी काम करते हैं।
बिहार कैडर के 1992 बैच के IAS अधिकारी अरुणीश चावला DIPAM यानी डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट और डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक एंटरप्राइज संभालते हैं। उनका मुख्य काम सरकार के विनिवेश कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हैं।