वैभव सूर्यवंशी की एक तस्वीर काफी चर्चित हो रही है। 2017 की उस तस्वीर में वह आईपीएल का मैच देख रहे हैं। उनके चाचा खड़े होकर उन्हें गोद में लिए हुए हैं। अब 8 साल बाद वही बच्चा आईपीएल का सुपर स्टार है। अब पूरी क्रिकेट दुनिया उसकी बल्लेबाजी देख रही है।
राजस्थान रॉयल्स के वैभव सूर्यवंशी ने सोमवार को गुजरात टाइटंस के खिलाफ 35 गेंद में शतक जड़ा जो आईपीएल इतिहास का दूसरा सबसे तेज और किसी भारतीय का सबसे तेज शतक है।
वैभव सूर्यवंशी ने 'देखन में छोटन लगे, घाव करे गंभीर' कहावत को चरितार्थ कर दिया है। गुजरात टाइटंस के गेंदबाजों से बेहतर भला इसे कौन समझ सकता है। सूर्यवंशी ने 14 वर्ष, 35 दिन की उम्र में ही आईपीएल में सेंचुरी जड़कर इतिहास लिख दिया।
वैभव सूर्यवंशी 5 साल की उम्र में क्रिकेट की ट्रेनिंग लेने लगे थे। उनके बचपन के कोच का नाम ब्रजेश झा है।
वैभव सूर्यवंशी बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले हैं। उनके बचपन के कोच ब्रजेश झा ने लाइव हिंदुस्तान से एक्सक्लूसिव बातचीत में उनसे जुड़े तमाम दिलचस्प राज खोले हैं। तस्वीर 2017 की है जब वैभव सूर्यवंशी को आईपीएल मैच दिखाने के लिए उनके चाचा उन्हें स्टेडियम लेकर पहुंचे थे।
झा के मुताबिक जब कभी वैभव सूर्यवंशी रन नहीं बना पाते थे तो रोने लगते थे। उनमें शुरू से रनों की कभी न मिटने वाली भूख है।
वैभव सूर्यवंशी ने 'होनहार बिरवान के होत चिकने पात' कहावत को भी चरितार्थ किया है। बचपन में ही कोच ने समझ लिया था कि यह बच्चा सामान्य नहीं, असाधारण है।
वैभव सूर्यवंशी ने इसी आईपीएल में लखनऊ सुपर जॉयंट्स के खिलाफ डेब्यू किया था। उन्होंने पहली ही गेंद पर छक्का जड़ा था और गेंदबाज थे शार्दुल ठाकुर। डेब्यू मैच में वैभव सूर्यवंशी ने सिर्फ 20 गेंद में 34 रन बनाए थे लेकिन आउट होने के बाद वह रोने लगे थे।
वैभव सूर्यवंशी के हुनर पर उनके गांव और क्षेत्रवाले शुरुआत से नाज करते थे। उन्हें लगता था कि यह बच्चा एक दिन बड़ा नाम करेगा। वैभव सूर्यवंशी ने भी उन्हें निराश नहीं किया और अब तो क्रिकेट जगत में चारों तरफ बस उनके ही नाम के चर्चे हैं।
वैभव सूर्यवंशी के बचपन के कोच ब्रजेश झा का अब सपना है उसे नीली जर्सी में देखना। यानी टीम इंडिया में खेलते हुए देखना। झा को उम्मीद है कि जल्द ही यह सपना भी साकार होगा।