नई फिल्म सिटी से जेवर एयरपोर्ट तक लाइट रेल चलाने की तैयारी, 14.6 KM का बनेगा ट्रैक
यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में सेक्टर-21 स्थित नई फिल्म सिटी से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक पब्लिक रैपिड ट्रांजिट (पीआरटी) चलाने की तैयारी है। पहले चरण में इसके लिए सिर्फ 14.6 किलोमीटर का ट्रैक बनेगा।

यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) क्षेत्र में सेक्टर-21 स्थित नई फिल्म सिटी से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक पब्लिक रैपिड ट्रांजिट (पीआरटी) चलाने की तैयारी है। पहले चरण में इसके लिए सिर्फ 14.6 किलोमीटर का ट्रैक बनेगा, यह ट्रैक एलिवेटेड होगा या सतह पर बनेगा इसका फैसला डीपीआर पर शासन की मुहर लगने के बाद होगा। फिलहाल सीमेंस कंपनी ने फिजिब्लिटी रिपोर्ट तैयार कर ली है।
प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि फिल्म सिटी से एयरपोर्ट की सीधी और आसान कनेक्टिविटी के लिए 14.6 किलोमीटर के नए रूट पर पहले पॉड टैक्सी चलाने का प्लान था, लेकिन ग्लोबल टेंडर निकाले जाने के बाद भी इस परियोजना में मानकों के अनुसार कंपनियों ने रुचि नहीं दिखाई। इसके बाद गाजियाबाद से एयरपोर्ट तक बनने वाले 72.4 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड ट्रैक पर ही नमो भारत ट्रेन और मेट्रो के साथ ही लाइट रेल ट्रांजिट (एलआरटी) चलाने पर सहमति बनी। इसकी डीपीआर को तैयार कर उत्तर प्रदेश सरकार और बाद में केंद्र सरकार के पास भेजी गई, लेकिन केंद्र सरकार ने नमो भारत व मेट्रो के साथ उसी ट्रैक पर एलआरटी चलाने के प्रस्ताव को नामंजूर करते हुए डीपीआर को लौटा दिया।
अब एक बार फिर पीआरटी चलाने की तैयारी हो रही है। नए रूट पर पीआरटी चलाने के लिए प्राधिकरण ने सीमेंस कंपनी को संभावना तलाशने की जिम्मेदारी दी। कंपनी ने इसकी फिजिब्लिटी रिपोर्ट अब तैयार कर ली है। वहीं, लंदन की कंपनी अल्ट्रा पीआरटी लिमिटेड से भी फिजिब्लिटी रिपोर्ट को तैयार कराया गया है। अब इस पर अधिकारी मंथन करेंगे और शासन स्तर पर गठित पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप बिल्ड इवेलुएशन कमेटी के समक्ष रखा जाएगा। अंतिम निर्णय कमेटी के माध्यम से ही लिया जाएगा।
तीसरे चरण में आगरा तक चलेगी : लाइट रेल को पहले चरण में फिल्म सिटी से जेवर एयरपोर्ट तक चलाने की योजना है, जबकि दूसरे चरण में जेवर से वृंदावन तक और तीसरे चरण में वृंदावन से न्यू आगरा तक चलाने की योजना भी तैयार की गई है।
इससे एयरपोर्ट की आगरा तक कनेक्टिविटी हो जाएगी, हालांकि यह कितना संभव हो जाता है इसका निर्णय कमेटी व तैयार होने वाली डीपीआर के बाद ही लिया जा सकेगा। फिलहाल इसके लिए सिर्फ संभावना तलाशने का काम चल रहा है। अधिकारियों ने दावा किया है कि पॉड टैक्सी के मुकाबले लाइट ट्रेन ज्यादा कारगर है। वर्तमान में पॉड टैक्सी को कुछ ही देशों की कंपनियां बनाती हैं।
ये 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती हैं। वहीं, बात की जाए लाइट ट्रेन की तो इसे दुनिया में 100 कंपनियां बनाती हैं। कम लागत होने के साथ ही ये 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती हैं। यमुना विकास प्राधिकरण सेक्टर-9 में इंडिया इंटरनेशनल सेंटर और हेबिटेट सेंटर बनाने की भी तैयारी है।
यह होती है पीआरटी
शहर में आंतरिक ट्रांसपोर्ट में इस्तेमाल करने के लिए हल्की स्पीड वाला यह ऐसा पब्लिक ट्रांसपोर्ट है, जिसमें दो-तीन बोगी होती हैं। लगभग पॉड टैक्सी की स्पीड या उससे थोड़ा सा ज्यादा स्पीड से यह चलती है। यह एक प्रकार से बैटरीचालित अर्बन लाइट ट्रांसपोर्ट सिस्टम है। पॉड टैक्सी में केवल एक बोगी होती है, इसमें दो-तीन बोगियां रहती हैं। लोकल ट्रांसपोर्ट के लिए इस ट्रांसपोर्ट को बहुत ही सहज माना जाता है। फिलहाल लंदन में 9 मिलियन पैसेंजर प्रतिवर्ष की क्षमता की पीआरटी संचालित हो रही है। भारत में अभी तक किसी शहर में यह पब्लिक ट्रांसपोर्ट शुरू नहीं हुआ है।
अरुणवीर सिंह, सीईओ, यमुना प्राधिकरण ने कहा, ''फिल्म सिटी से एयरपोर्ट तक 14.6 किलोमीटर के अलग रूट पर पीआरटी चलाने की योजना है, इसकी संभावना पर फिजिब्लिटी रिपोर्ट तैयार की गई है। शासन स्तर पर मंथन के बाद इसका काम आगे बढ़ेगा।''