अपने कामों की वजह से 'आप' का पतन हुआ, अरविंद केजरीवाल एंड पार्टी की हार पर पूर्व IPS किरण बेदी
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के पतन के पीछे उसके काम हैं। पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने रविवार को यह बात कही। उन्होंने कहा कि मैं एक नागरिक के तौर पर बोल रही हूं कि ‘आप’ इस चुनाव में अपने कामों की वजह से हारी है।
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दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के पतन की वजह पिछले 10 वर्षों के दौरान किए गए उसके काम हैं। पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने रविवार को यह बात कही। उन्होंने कहा कि मैं एक नागरिक के तौर पर बोल रही हूं कि ‘आप’ इस चुनाव में अपने कामों की वजह से हारी है।
2015 के चुनाव में भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार रहीं किरण बेदी ने कहा कि दिल्ली बीते 10 वर्षों में इंफ्रास्ट्रक्चर, नागरिक सेवाएं, गवर्नेंस, वित्तीय प्रबंधन और सद्भाव के मामले में पिछड़ गई थी। हम दिल्ली के लोग बीते 10 वर्षों से चुपचाप ये सब देख रहे थे और मन में शांति, सद्भाव, सम्मान और गरिमा कायम करने का मन बना रहे थे।
ईवीएम से दिया जवाब
दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों के बारे में पूछे जाने पर पुडुचेरी की पूर्व उपराज्यपाल ने कहा कि दिल्ली की जनता ने ईवीएम के जरिये अपना जवाब दिया है, क्योंकि दिल्ली के लोग जो कुछ बीते कुछ वर्षों से चल रहा था उससे थक गए थे, वे बदलाव को तैयार थे। किरण बेदी ने कहा कि मुझे लगता है कि बदलाव की शुरुआत हो चुकी है। नतीजे अप्रत्याशित थे, लेकिन जश्न शांतिपूर्ण रहा। उन्होंने कहा कि हर कोई एक जीवंत, स्वच्छ और हरी-भरी दिल्ली देखना चाहता है। हम यही उम्मीद करते हैं और मेरा मानना है कि यह सब काम होगा और लोग नई दिल्ली को देखेंगे क्योंकि अब इसे पूरा करने के लिए नई ऊर्जा है।
किरण बेदी अन्ना हजारे के इंडिया अगेंस्ट करप्शन आंदोलन का हिस्सा थीं, जिसने आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में ला दिया था। उन्होंने कहा कि आंदोलन का उद्देश्य भ्रष्टाचार से लड़ना था, जिसमें हम सफल रहे, लेकिन खुद भ्रष्ट बनना या ऐसा समूह बनाना नहीं था जो उन्हीं प्रथाओं में शामिल हो, जिनका आंदोलन विरोध करता था। उन्होंने कहा कि इसी वजह से संगठन टूट गया। आंदोलन का लक्ष्य भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मजबूत आवाज उठाना था और हम भ्रष्ट लोगों को हटाने में सफल रहे।
आम आदमी पार्टी ने 2015 में 67 और 2020 में 62 विधानसभा सीटें जीती थीं, लेकिन इस बार उसकी सीटें घटकर 22 रह गई हैं, क्योंकि भाजपा ने 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में 48 सीटों के साथ शानदार जीत दर्ज की है।