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इस साल दिसंबर में सबसे साफ रही हवा, 294 रहा औसत AQI; 18 नवंबर को पीक पर था प्रदूषण

Delhi Air Pollution: दिल्ली में इस साल साफ हवा वाले दिनों की संख्या में पहले की तुलना में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन प्रदूषक कणों की सघनता पहले से ज्यादा रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़े बताते हैं कि इस साल पीएम 10 और पीएम 2.5 कणों का औसत पिछले पांच साल में सबसे ज्यादा रहा।

Sneha Baluni नई दिल्ली। हिन्दुस्तान टाइम्सTue, 31 Dec 2024 09:29 AM
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इस साल दिसंबर में सबसे साफ रही हवा, 294 रहा औसत AQI; 18 नवंबर को पीक पर था प्रदूषण

Delhi Air Pollution: दिल्ली में इस साल साफ हवा वाले दिनों की संख्या में पहले की तुलना में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन प्रदूषक कणों की सघनता पहले से ज्यादा रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़े बताते हैं कि इस साल पीएम 10 और पीएम 2.5 कणों का औसत पिछले पांच साल में सबसे ज्यादा रहा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर के पहले पखवाड़े में लगातार तेज हवाएं चलने और उसके बाद महीने के दूसरे पखवाड़े में रिकॉर्ड तोड़ बारिश होने से दिल्ली में इस महीने औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 294 दर्ज किया गया, जो 2015 में एक्यूआई शुरू होने के बाद से दिल्ली का सबसे स्वच्छ दिसंबर रहा।

हालांकि, 294 की औसत एक्यूआई रीडिंग, जिसे सीपीसीबी मानकों द्वारा 'खराब' वर्गीकृत किया गया है, 'संतोषजनक' एक्यूआई से लगभग तीन गुना खराब है। इसके अलावा, इस महीने छह दिन 'गंभीर' हवा वाले दिन रहे, जब एक्यूआई 400 के स्तर को पार कर गया। जिसके कारण निर्माण पर, वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध, हाइब्रिड मोड में क्लास चलीं। इस साल औसत एक्यूआई 294, पिछले साल 348, दिसंबर 2022 में 319 और दिसंबर 2021 में 336 दर्ज किया गया। आंकड़ों के अनुसार, दूसरी सबसे अच्छा एक्यूआई रीडिंग 300 थी, जो 2015 में दर्ज की गई थी।

विशेषज्ञों ने कहा कि तीसरे हफ्ते में छह दिनों की 'गंभीर' हवा की अवधि को छोड़कर, इस महीने प्रदूषकों के फैलाव के लिए परिस्थितियां ज्यादातर अनुकूल रहीं। स्काईमेट के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने कहा, 'दिसंबर के पहले पखवाड़े में हवाएं काफी तेज थी जबकि हवा में सीमित नमी थी। जिसकी वजह से मध्यम या घना कोहरा काफी समय बाद देखने को मिला। हवाओं ने प्रदूषकों को फैलाया। इससे एक्यूआई नियंत्रण में रहा। वहीं दिसंबर के तीसरे हफ्ते में पश्चिमी विक्षोभ ने हवाओं की गति को धीमा कर दिया।'

18 नवंबर को पीक पर था प्रदूषण

अगर पीक प्रदूषण की बात करें तो इस साल 18 नवंबर को प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा रहा। इस दिन दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 494 के अंक पर रहा, जो आपातकालीन स्तर से सिर्फ सात अंक ही नीचे रहा। इस दौरान लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

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