इस बार ठंड में पलूशन ने खूब किया परेशान, 26 दिन ग्रैप-4 के साए में रही दिल्ली
- राजधानी दिल्ली व एनसीआर क्षेत्र को पिछले जाड़े से ज्यादा सख्त प्रदूषण पाबंदियां इस बार झेलनी पड़ी। प्रदूषण का स्तर ज्यादा होने के चलते इस बार कुल मिलाकर 26 दिन ग्रैप चार की पाबंदियां लगाई गईं, जबकि पिछले साल ऐसे दिनों की संख्या सिर्फ 14 रही थी।
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राजधानी दिल्ली व एनसीआर क्षेत्र को पिछले जाड़े से ज्यादा सख्त प्रदूषण पाबंदियां इस बार झेलनी पड़ी। प्रदूषण का स्तर ज्यादा होने के चलते इस बार कुल मिलाकर 26 दिन ग्रैप चार की पाबंदियां लगाई गईं, जबकि पिछले साल ऐसे दिनों की संख्या सिर्फ 14 रही थी। हालांकि, इन पाबंदियों के बावजूद पिछले साल से इस बार प्रदूषण का स्तर ज्यादा रहा।
दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में मानसून को छोड़कर अन्य महीनों में प्रदूषण का स्तर सामान्य से अधिक रहता है, लेकिन जाड़े के दिनों में प्रदूषण का स्तर ज्यादा हो जाता है। इसे देखते हुए अक्तूबर महीने से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी ग्रैप लागू कर दिया जाता है। ग्रैप में प्रदूषण के बढ़ने पर पाबंदियों के अलग-अलग स्तर लागू किए जाते हैं। इन पाबंदियों में मुख्य तौर पर दिल्ली और दिल्ली से सटे हुए चार एनसीआर जिले गाजियाबाद, नोएडा, फरीदाबाद और गुरुग्राम को शामिल किया जाता है।
दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण बढ़ने के कारण सुप्रीम कोर्ट भी खासा नाराज हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने लगातार प्रदूषण बढ़ने पर कठोर टिप्पणियां की। दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 350 से ऊपर होने पर आयोग की ओर से ग्रैप तीन और सूचकांक 400 से ऊपर होने पर ग्रैप चार की पाबंदियां लगाई गईं। पता हो कि ग्रैप तीन में सभी निजी निर्माण व ध्वस्तीकरण पर रोक, बीएस तीन पेट्रोल और बीच चार डीजल वाहनों पर प्रतिबंध जैसे उपाय शामिल हैं। जबकि, ग्रैप चार में वाहनों पर प्रतिबंधों को अन्य श्रेणियों में विस्तार देने के साथ-साथ सभी तरह के निर्माण-ध्वस्तीकरण कार्यों पर प्रतिबंध का प्रावधान है।