‘हर मंजिल के नियमितीकरण पर स्वतंत्र रूप से विचार किया जाना चाहिए, चाहे…’: MCD अपीलेट ट्रिब्यूनल
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के अपीलेट ट्रिब्यूनल ने बहुमंजिला इमारत में फ्लोरवाइज निर्माण के नियमितीकरण से जुड़ी अर्जी पर अहम फैसला सुनाया है। ट्रिब्यूनल ने दिल्ली नगर निगम को हर नियमितीकरण आवेदन पर स्वतंत्र रूप से पुनर्विचार करने का निर्देश दिया है।
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दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के अपीलेट ट्रिब्यूनल ने बहुमंजिला इमारत में फ्लोरवाइज निर्माण के नियमितीकरण से जुड़ी अर्जी पर अहम फैसला सुनाया है। ट्रिब्यूनल ने दिल्ली नगर निगम को हर नियमितीकरण आवेदन पर स्वतंत्र रूप से पुनर्विचार करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि एमसीडी का निर्णय अन्य मंजिलों पर किए गए अनधिकृत निर्माण से प्रभावित नहीं होना चाहिए।
गगनदीप कौर भसीन और उनके परिवार ने चित्तरंजन पार्क में अपनी तीसरी मंजिल की संपत्ति के नियमितीकरण आवेदन को एमसीडी द्वारा अस्वीकार किए जाने को अपीलेट ट्रिब्यूनल में चुनौती दी थी। एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज अभिलाष मल्होत्रा की अध्यक्षता वाले ट्रिब्यूनल ने इस मामले की सुनवाई की।
एमसीडी ने अपीलकर्ताओं की तीसरी मंजिल की संपत्ति को इस आधार पर नियमित करने से इनकार कर दिया था कि अन्य मंजिलों पर नॉन कंपाउंडेबल डेविएशन मौजूद थे, जिनका मालिकाना हक अन्य व्यक्तियों के पास था। हालांकि, कार्यवाही के दौरान एमसीडी ने स्वयं कई स्टेटस रिपोर्टों में स्वीकार किया कि अपीलकर्ताओं की मंजिल पर कोई अनधिकृत निर्माण नहीं पाया गया। इसके बावजूद, एमसीडी बेसमेंट, ग्राउंड और पहली मंजिलों में हुए अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रही, जबकि अपीलकर्ताओं की नियमितीकरण याचिका को खारिज करने के लिए उन्हें आधार बनाया।
ट्रिब्यूनल ने एमसीडी की निष्क्रियता की आलोचना की और पाया कि अफसरों द्वारा ‘जानबूझकर ड्यूटी की अवहेलना’ को उजागर किया। ट्रिब्यूनल ने एमसीडी कमिश्नर को अनधिकृत निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई करने में नाकाम रहने वाले संबंधित अफसरों के आचरण की जांच करने का निर्देश दिया। इन अफसरों ने नियमों का पालन करने वाले एक संपत्ति मालिक के नियमितीकरण आवेदन पर विचार करने से इनकार कर दिया था।
ट्रिब्यूनल ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि इमारत के एक हिस्से में नॉन कंपाउंडेबल डेविएशन का इस्तेमाल किसी अन्य स्वतंत्र रूप से स्वामित्व वाले हिस्से के नियमितीकरण से इनकार करने के लिए नहीं किया जा सकता। बशर्ते कि वह इमारत के मानदंडों का पालन करता हो। इस पर भी गौर किया गया कि निगम की ओर से अन्य मंजिलों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने में निष्क्रियता अपीलकर्ता के अधिकारों से वंचित नहीं कर सकती है।
ट्रिब्यूनल ने इस मामले पर नए सिरे से विचार के लिए एमसीडी के अर्ध-न्यायिक प्राधिकरण को वापस भेज दिया। ट्रिब्यूनल ने कमिश्नर से यह भी सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि एमसीडी के फ्लोरवाइज नियमितीकरण दिशानिर्देश एकीकृत भवन उपनियमों और दिल्ली मास्टर प्लान-2021 के तहत वैधानिक प्रावधानों के अनुरूप हों।