शराब नीति से दिल्ली सरकार को 2000 करोड़ का नुकसान, एक्सपर्ट पैनल की सिफारिश नजरअंदाज; कैग रिपोर्ट में खुलासा
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार को शराब नीति को लेकर कैग रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर रखी। दिल्ली सरकार को 2021-2022 की शराब नीति के कारण कमजोर नीति ढांचे से लेकर अपर्याप्त कार्यान्वयन तक कई कारणों की वजह से 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।
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दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार को शराब नीति को लेकर कैग रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर रखी। दिल्ली सरकार को 2021-2022 की शराब नीति के कारण कमजोर नीति ढांचे से लेकर अपर्याप्त कार्यान्वयन तक कई कारणों की वजह से 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। रिपोर्ट में लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया में उल्लंघनों को भी चिन्हित किया गया है। इसमें बताया गया है कि अब वापस ली जा चुकी नीति गठन को लेकर बदलाव सजेस्ट करने के लिए गठित एक विशेषज्ञ पैनल की सिफारिशों को तत्कालीन उपमुख्यमंत्री और आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया ने नजरअंदाज कर दिया था।
चुनाव के दौरान चर्चा में रहे कथित शराब घोटाले पर रिपोर्ट में 941.53 करोड़ रुपये के राजस्व नुकसान का दावा किया गया है। इसमें कहा गया है कि 'नॉन-कंफर्मिंग नगरपालिका वार्डों' में शराब की दुकानें खोलने के लिए समय पर अनुमति नहीं ली गई। नॉन-कंफर्मिंग एरिया वे क्षेत्र होते हैं जो शराब की दुकानें खोलने के लिए भूमि उपयोग मानदंडों के अनुरूप नहीं हैं।
मुख्यमंत्री द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में कहा गया है, 'आबकारी विभाग को इन जोन से लाइसेंस शुल्क के रूप में लगभग 890.15 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, क्योंकि इन जोनों को सरेंडर कर दिया गया और विभाग द्वारा दोबारा टेंडर जारी नहीं किए गए।' इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड महामारी की वजह से हुए बंद के कारण लाइसेंसधारियों को 'अनियमित अनुदान' छूट देने के कारण 144 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ।
जुलाई 2022 में उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने नीति निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं को लेकर सीबीआई जांच की सिफारिश की गई। मामले में जांच एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद अरविंद केजरीवाल, सिसोदिया और संजय सिंह सहित आप के शीर्ष नेताओं ने कई महीने जेल में बिताए। रिपोर्ट में कहा गया है कि मास्टर प्लान दिल्ली-2021 में नॉन-कंफर्मिंग क्षेत्रों में शराब की दुकानें खोलने पर रोक लगाई गई है, लेकिन शराब नीति 2021-22 में प्रत्येक वार्ड में कम से कम दो रिटेल दुकानें खोलना अनिवार्य किया गया है।