दिल्ली में दिल नहीं मिले तो हुआ बुरा हाल, कांग्रेस बोली- आप को जिताना हमारी जिम्मेदारी नहीं
- दिल्ली में 26 साल बाद बीजेपी की सत्ता में वापसी और AAP की हार ने INDIA गठबंधन के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कांग्रेस ने साफ किया कि AAP को जिताना उनकी जिम्मेदारी नहीं। विशेषज्ञ मानते हैं कि विपक्षी गठबंधन को आगामी चुनावों में और नुकसान हो सकता है।
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दिल्ली में आम आदमी पार्टी की हारा और 26 साल बाद सत्ता में बीजेपी की वापसी के बाद इंडिया गठबंधन के भविष्य को लेकर बातें होने लगी हैं। इसकी वजह ये है कि कुछ नेताओं का मानना है कि आप और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ी होतीं तो नतीजा इससे अलग हो सकता था। इसकी वजह ये है कि आप और बीजेपी के बीच वोट का अंतर सिर्फ ढाई प्रतिशत है और कांग्रेस को 6 प्रतिशत से अधिक वोट मिले हैं। इन सारी चर्चाओं के जवाब में कांग्रेस ने कहा कि आप को जिताना हमारी जिम्मेदारी नहीं है। इससे पहले जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी पर कटाक्ष के लिए एक मीम पोस्ट करके एक्स पर लिखा था, 'और लड़ो आपस में!'
केजरीवाल के गोव-उत्तराखंड लड़ने पर सवाल
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने NDTV से कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में AAP की हार के लिए कांग्रेस जिम्मेदार नहीं है। उन्होंने कहा, 'AAP को जिताना हमारी जिम्मेदारी नहीं है। हम वहां जोर लगाएंगे जहां हमारे पास राजनीतिक संभावना है और उन्हें जीतने की कोशिश करेंगे। आखिर हम दिल्ली में 15 साल तक सत्ता में रहे हैं। हमारी जिम्मेदारी है कि हम एक मजबूत कैंपेन चलाएं और हर चुनाव को पूरी ताकत से लड़ें।' आप से गठबंधन न हो पाने को लेकर कांग्रेस पर उठाए जा रहे सवालों के बीच सुप्रिया श्रीनेत ने AAP के भी उन राज्यों में चुनाव लड़ने का हवाला दिया जहां मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच था। उन्होंने कहा, 'अरविंद केजरीवाल गोवा, हरियाणा, गुजरात और उत्तराखंड गए और वहां चुनाव लड़ा। गोवा और उत्तराखंड में भाजपा और हमारे बीच के वोट शेयर का अंतर उतना ही था जितना AAP ने हासिल किया।'
कांग्रेस ने आगे भी दिए सख्ती के संकेत
हालांकि, गोवा में बीजेपी को 40.3% वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस को 13.5 और आप को 12.8 प्रतिशत वोट मिले थे। ऐसे में इन दोनों पार्टियों के वोट शेयर को जोड़ने के बाद भी बीजेपी का मार्जिन काफी अधिक था। उत्तराखंड में बीजेपी को 44.3 प्रतिशत, कांग्रेस को 37.9 प्रतिशत और आप को 4.82% वोट मिले थे। कांग्रेस ने दिल्ली में अपने भविष्य की योजनाओं पर जोर देते हुए कहा कि पार्टी अपनी पुरानी राजनीतिक पकड़ को वापस पाने के लिए पूरी ताकत से काम कर रही है। सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, 'हम उन जगहों पर फोकर करेंगे जहां हमारी पकड़ मजबूत हो सकती है और हर चुनाव को गंभीरता से लड़ेंगे।'
INDIA गठबंधन के भविष्य पर सवाल
दिल्ली के नतीजों ने न केवल AAP बल्कि INDIA गठबंधन को भी एक बड़ा सबक दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि गठबंधन दलों के बीच समन्वय नहीं सुधरा हुआ तो आगामी चुनावों में भी इन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। गठबंधन में एकजुटता बनाए रखना और मजबूत रणनीति तैयार करना विपक्षी पार्टियों के लिए अब जरूरी हो गया है। इसी साल नवंबर में बिहार विधानसभा का चुनाव होना है। वहां कांग्रेस, राजद और वामपंथी पार्टियां INDIA गठबंधन की हिस्सा हैं।