Hindi Newsएनसीआर न्यूज़Delhi court sends IT Dept officer and CA to 3 days CBI custody for sabotaging faceless assessment scheme

दिल्ली की कोर्ट ने इनकम टैक्स विभाग के डिप्टी कमिश्नर और CA को 3 दिन की CBI कस्टडी में भेजा

दिल्ली की एक अदालत ने इनकम टैक्स विभाग के एक डिप्टी कमिश्नर और एक चार्टर्ड अकाउंटेंट को तीन दिन की सीबीआई की कस्टडी में भेज दिया। इन दोनों को कथित तौर पर इनकम टैक्स असेसमेंट के लिए फेसलेस स्कीम में बाधा डालने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली। पीटीआईSun, 27 April 2025 12:31 PM
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दिल्ली की कोर्ट ने इनकम टैक्स विभाग के डिप्टी कमिश्नर और CA को 3 दिन की CBI कस्टडी में भेजा

दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को इनकम टैक्स विभाग के एक डिप्टी कमिश्नर और एक चार्टर्ड अकाउंटेंट को तीन दिन की सीबीआई की कस्टडी में भेज दिया। इन दोनों को कथित तौर पर इनकम टैक्स असेसमेंट के लिए फेसलेस स्कीम में बाधा डालने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

सीबीआई द्वारा शुक्रवार को गिरफ्तार किए गए डिप्टी कमिश्नर विजयेंद्र आर और चार्टर्ड अकाउंटेंट डीके अग्रवाल को शनिवार को प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज अंजू बजाज चंदना की अदालत में पेश किया था। कोर्ट ने सीबीआई की मांग पर दोनों को तीन दिन की कस्टडी में भेज दिया।

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इनकम टैक्स विभाग की फेसलेस असेसमेंट स्कीम से जुड़े एक कथित घोटाले के संबंध में फरवरी में दर्ज की गई एक एफआईआर के बाद शुक्रवार को दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था।

सीबीआई ने कोर्ट ने दोनों आरोपियों के लिए सात दिन की पुलिस रिमांड मांगी थी। सीबीआई का कहना था कि इस मामले में बड़ी साजिश का पता लगाने के लिए उनसे आमना-सामना कराना जरूरी है।

विजयेंद्र की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट प्रमोद कुमार दुबे ने सीबीआई की याचिका का विरोध करते हुए दावा किया कि गिरफ्तारी की जरूरत नहीं थी क्योंकि जांच एजेंसी ने आरोपी को कभी भी जांच के लिए नहीं बुलाया था।

उन्होंने कहा कि अधिकारी नवंबर 2024 से सस्पेंड चल रहे हैं और किसी भी सबूत को नष्ट करने या प्रभावित करने की कोई आशंका नहीं है।

सीबीआई ने बताया कि दिल्ली में इनकम टैक्स विभाग के झंडेवालान ऑफिस में तैनात 2015 बैच के भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी विजयेंद्र को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया, जबकि डीके अग्रवाल को गुजरात के भरूच से गिरफ्तार किया गया।

एजेंसी ने कहा कि इस मामले में सीबीआई जांच से पता चला है कि दोनों ने पेंडिंग हाई वैल्यू के इनकम असेसटमेंट मामलों के विभिन्न करदाताओं से संपर्क किया और रिश्वत के बदले में जांच के तहत उनके मामलों में अनुकूल आदेश दिलाने का वादा किया।

वित्त मंत्रालय ने कहा कि पारदर्शिता बढ़ाने, मानवीय हस्तक्षेप कम करने और भ्रष्टाचार रोकने के लिए फेसलेस योजना शुरू की गई है।

सीबीआई ने कहा कि इस योजना को 'फेसलेस' इसलिए कहा गया है क्योंकि इसमें करदाता को अपने टैक्स निर्धारण करने वाले अधिकारी का चेहरा देखने को नहीं मिलता और वह यह नहीं जान पाते कि टैक्स निर्धारण कौन कर रहा है। साथ ही कहा कि इससे हस्तक्षेप, विवेकाधिकार और भ्रष्टाचार में कमी आएगी।

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