शराब घोटाला मामले में दिल्ली की कोर्ट से केजरीवाल-सिसोदिया को हल्की राहत, दी इस बात की छूट
- आम आदमी पार्टी के तीनों नेताओं ने विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा की अदालत से अनुरोध करते हुए कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट मांगी थी।

दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और दो अन्य AAP (आम आदमी पार्टी) नेताओं मनीष सिसोदिया तथा दुर्गेश पाठक को हल्की राहत दी और उन्हें शराब घोटाला मामले में व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट दे दी। अदालत ने तीनों को यह छूट आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए दी है, क्योंकि तीनों ही नेता इस वक्त पार्टी के प्रचार में जुटे हुए हैं।
आम आदमी पार्टी के तीनों नेताओं ने विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा की अदालत से अनुरोध करते हुए कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट मांगी थी। उन्होंने अदालत को बताया कि वे विधानसभा चुनावों के लिए सक्रिय रूप से प्रचार में लगे हुए हैं, इसलिए व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने में असमर्थ हैं।
जिसके बाद जज ने फैसला देते हुए कहा, ‘अदालत को दिए गए अनुरोध के मद्देनजर, याचिकाकर्ताओं को केवल आज वकील के माध्यम से व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने से छूट दी जाती है...मामले की सुनवाई तीन फरवरी तक स्थगित की जाती है।’
धन शोधन (मनीलॉन्ड्रिंग) का यह मामला सीबीआई द्वारा दर्ज मामले पर आधारित है, जिसे दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा शराब नीति के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं की जांच की सिफारिश करने के बाद दर्ज किया गया था।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अनुसार, शराब नीति में संशोधन करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया। दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को यह विवादास्पद शराब नीति लागू की थी और भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 में इसे खत्म कर दिया था।