Hindi Newsएनसीआर न्यूज़AAP MLAs were in touch with Sena for Delhi Chunav but not fielded to avoid vote split, says Eknath Shinde

AAP विधायक दिल्ली चुनाव के लिए शिवसेना के संपर्क में थे, एकनाथ शिंदे का दावा

महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने यह दावा किया कि आम आदमी पार्टी के मौजूदा विधायक दिल्ली चुनाव के लिए शिवसेना के संपर्क में थे। हालांकि, वोटों के विभाजन से बचने के लिए उन्हें मैदान में नहीं उतारा गया, क्योंकि शिवसेना ने भाजपा को समर्थन देने की घोषणा की है।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, मुंबई। पीटीआईFri, 31 Jan 2025 08:17 AM
share Share
Follow Us on
AAP विधायक दिल्ली चुनाव के लिए शिवसेना के संपर्क में थे, एकनाथ शिंदे का दावा

महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को यह दावा किया कि आम आदमी पार्टी के मौजूदा विधायक दिल्ली चुनाव के लिए शिवसेना के संपर्क में थे। हालांकि, वोटों के विभाजन से बचने के लिए उन्हें मैदान में नहीं उतारा गया, क्योंकि शिवसेना ने भाजपा को समर्थन देने की घोषणा की है। एकनाथ शिंदे ने कहा कि वह भाजपा उम्मीदवारों के लिए समर्थन जुटाने के लिए जल्द ही दिल्ली जाएंगे। 

शिंदे ने मुंबई में संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, "आम आदमी पार्टी के मौजूदा विधायकों ने हमसे संपर्क किया था, लेकिन हम भाजपा के साथ गठबंधन में हैं। हम दोनों दल (भाजपा और शिवसेना) एक जैसी सोच रखते हैं। इसलिए वोटों के विभाजन से बचने के लिए हमने उम्मीदवार नहीं उतारे क्योंकि इससे विरोधियों को फायदा हो सकता था। हमने दिल्ली में भाजपा का पूरा समर्थन किया है।''

शिंदे ने कहा कि राजस्थान में शिवसेना के तीन विधायक हैं और पार्टी अन्य राज्यों में अपना जनाधार बढ़ाने का इरादा रखती है। दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों के लिए एक चरण में 5 फरवरी को वोट डाले जाएंगे, जबकि वोटों की गिनती 8 फरवरी को होगी। 

बता दें कि, भाजपा दिल्ली में 1998 से सत्ता से बाहर है। वर्ष 2015 से दिल्ली में आम आदमी पार्टी अपने दम पर सत्ता में काबिज है। भाजपा ने 2015 के विधानसभा चुनावों में पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाकर चुनाव लड़ा था, लेकिन तब पार्टी का प्रदर्शन काफी खराब रहा था। इसके बाद भाजपा ने 2020 के विधानसभा चुनावों में किसी नेता को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए बिना चुनाव लड़ा था, लेकिन पिछली बार की तरह यह दांव भी नाकाम साबित हुआ। 

गौरतलब है कि वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 70 में से 67 सीटें हासिल कर बंपर जीत दर्ज की थी। वहीं, वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 70 में से 62 पर जीत दर्ज की थी। भाजपा को वर्ष 2015 में 3 और 2020 में महज 8 सीटों से संतोष करना पड़ा था।

 

अगला लेखऐप पर पढ़ें