AAP को इंडिया गठबंधन में रखना मजबूरी थी, कांग्रेस नेता उदित राज ने अरविंद केजरीवाल पर बोला हमला
दिल्ली विधानसभा चुनाव के बीच कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी (आप) को भाजपा की बी टीम और 'आप' के मुखिया अरविंद केजरीवाल को सांप्रदायिक व्यक्ति बताया है। कांग्रेस ने कहा कि ‘आप’ को इंडिया गठबंधन में रखना मजबूरी थी।
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दिल्ली विधानसभा चुनाव के बीच कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी (आप) को भाजपा की बी टीम और 'आप' के मुखिया अरविंद केजरीवाल को सांप्रदायिक व्यक्ति बताया है। कांग्रेस ने कहा कि ‘आप’ को इंडिया गठबंधन में रखना मजबूरी थी।
कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि आज यह उजागर हो गया है कि यह आम आदमी पार्टी इंडिया गठबंधन की सहयोगी नहीं है, यह भाजपा की बी टीम है। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल एक सांप्रदायिक व्यक्ति हैं। इंडिया गठबंधन के सहयोगियों में कोई ऐसा धड़ा नहीं है, जो इतना सांप्रदायिक हो। उदित राज ने कहा कि संभल में जिस तरह से अल्पसंख्यकों पर हमला किया गया, यह व्यक्ति पूरी तरह से चुप रहा। उन्होंने कहा कि बड़े दुश्मनों से लड़ने के लिए, बड़े खतरों से लड़ने के लिए, कभी-कभी समझौता करना पड़ता है, क्योंकि हमें संविधान, लोकतंत्र को बचाना है, इस पार्टी को इंडिया गठबंधन में रखना मजबूरी थी।
दिल्ली विधानसभा चुनाव का प्रचार जोर-शोर से जारी है। इंडिया गठबंधन में शामिल होने के बावजूद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस यहां अलग-अलग चुनाव लड़ रही हैं। इतना ही नहीं दोनों ओर से एक दूसरे पर गंभीर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी लगातार जारी है। दिल्ली की सभी 70 सीटों के लिए 5 फरवरी को वोट डाले जाएंगे और मतगणना 8 फरवरी को होगी। मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 23 फरवरी 2025 तक है। ऐसे में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी चौथी बार सत्ता में आने का प्रयास कर रही है।
दिल्ली में 2013 पहली बार बनी थी ‘आप’ सरकार
देश की राजधानी दिल्ली के चुनावी इतिहास में 28 दिसंबर 2013 की तारीख एक बड़े सियासी उलटफेर के साथ दर्ज है। इसी दिन आम आदमी पार्टी (आप) ने कांग्रेस की मदद से दिल्ली में पहली बार सरकार बनाई थी। भाषा के अनुसार, अन्ना हजारे का भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन छोड़कर राजनीति में आए केजरीवाल के नेतृत्व में 2013 में चुनावी समर में उतरी आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाई और 28 सीट जीतकर सारे राजनीतिक विश्लेषकों के अनुमानों को गलत साबित कर दिया। इस चुनाव में 8 सीट जीतने वाली कांग्रेस ने भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए आम आदमी पार्टी को बिना शर्त समर्थन देकर उसकी सरकार बनाने का रास्ता साफ कर दिया था।
गौरतलब है कि वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 70 में से 67 सीटें हासिल कर बंपर जीत दर्ज की थी। वहीं, वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 70 में से 62 पर जीत दर्ज की थी। भाजपा को वर्ष 2015 में 3 और 2020 में महज 8 सीटों से संतोष करना पड़ा था।