दिल्ली HC के चीफ जस्टिस मनमोहन को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने की सिफारिश, कॉलेजियम ने भेजा नाम
- न्यायमूर्ति मनमोहन (61) दिवंगत जगमोहन के बेटे हैं। जगमोहन नौकरशाह थे और बाद में राजनीति में आ गए थे। जगमोहन ने जम्मू कश्मीर के राज्यपाल और दिल्ली के उपराज्यपाल के रूप में अपनी सेवायें दी थी।
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सुप्रीम कोर्ट (SC) कॉलेजियम ने दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश मनमोहन को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने की सिफारिश केंद्र सरकार से की है। पांच सदस्यीय कॉलेजियम ने हाल ही में बैठक कर यह निर्णय लिया। कॉलेजियम की अध्यक्षता मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना कर रहे हैं। इस पैनल में न्यायमूर्ति बीआर गवई, सूर्यकांत, हृषिकेश रॉय और एएस ओका भी शामिल हैं। यह पैनल उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति की सिफारिश करता है।
सुप्रीम कोर्ट में वर्तमान स्थिति
सुप्रीम कोर्ट में वर्तमान में 34 स्वीकृत पदों के मुकाबले 32 न्यायाधीश हैं, जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश भी शामिल हैं। जस्टिस हेमा कोहली और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के रिटायर होने के बाद सर्वोच्च न्यायालय में दो जजों के दो पद खाली हैं, जिन्हें भरने के लिए यह सिफारिश की गई है।
कौन हैं न्यायमूर्ति मनमोहन?
न्यायमूर्ति मनमोहन (61) दिवंगत जगमोहन के बेटे हैं। जगमोहन नौकरशाह थे और बाद में राजनीति में आ गए थे। जगमोहन ने जम्मू कश्मीर के राज्यपाल और दिल्ली के उपराज्यपाल के रूप में अपनी सेवायें दी थी। न्यायमूर्ति मनमोहन का जन्म 17 दिसंबर 1962 को दिल्ली में हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के मॉडर्न स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से इतिहास में स्नातक की डिग्री पूरी की। उन्होंने 1987 में दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर से कानून की पढ़ाई पूरी की और उसी वर्ष अधिवक्ता के रूप में पंजीकरण कराया।
कानूनी करियर
न्यायमूर्ति मनमोहन ने अपने करियर की शुरुआत सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट में वकालत से की। उन्होंने मुख्यतः सिविल, आपराधिक, संवैधानिक, कराधान, मध्यस्थता, ट्रेडमार्क और सेवा विवाद मामलों में प्रैक्टिस की। उन्होंने भारत सरकार के लिए वरिष्ठ पैनल अधिवक्ता के रूप में भी सेवाएं दी हैं।न्यायमूर्ति मनमोहन को 13 मार्च, 2008 को दिल्ली उच्च न्यायालय में अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया था और 17 दिसंबर, 2009 को उन्हें स्थायी न्यायाधीश बनाया गया था। जब उन्हें अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया था, तब वह वरिष्ठ अधिवक्ता थे। न्यायमूर्ति मनमोहन ने 29 सितंबर को दिल्ली उच्च न्यायालय के 32 वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी। उससे पहले नौ नवंबर, 2023 को उन्हें इसी न्यायालय का कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था।