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84 फीसदी आबादी को देना होगा आरक्षण, तेलंगाना के जातिगत सर्वे में हैरान करने वाले आंकड़े

  • तेलंगाना में कराए गए सर्वे की रिपोर्ट में सबसे ज्यादा पिछड़े वर्ग की संख्या सामने आई है। सर्वे के मुताबिक राज्य में 46.25 फीसदी पिछड़ा वर्ग है। वहीं अगर मुस्लिमों के पिछड़े वर्ग को भी शामिल करें तो यह संख्या 56 फीसदी से ज्यादा हो जाती है।

Ankit Ojha पीटीआईMon, 3 Feb 2025 06:59 AM
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84 फीसदी आबादी को देना होगा आरक्षण, तेलंगाना के जातिगत सर्वे में हैरान करने वाले आंकड़े

तेलंगाना में मुस्लिम अल्पसंख्यकों को छोड़कर अन्य पिछड़े वर्ग की आबादी 46.25 प्रतिशत है जो राज्य की कुल 3.70 करोड़ जनसंख्या का सबसे बड़ा हिस्सा है। राज्य में जातिगत आधार पर कराए गए सर्वेक्षण से यह जानकारी मिली है। वहीं अगर ई कैटिगर की बैकवर्ड क्लास यानी अल्पसंख्यकों को भी मिला लिया जाए तो यह संख्या 56 फीसदी हो जाती है।

जनसंख्या के प्रतिशत के संदर्भ में पिछड़ी जातियों के बाद अनुसूचित जाति (17.43 प्रतिशत), अनुसूचित जनजाति (10.45), मुसलमानों में पिछड़े वर्ग (10.08) और अन्य जातियां (13.31), मुसलमानों में पिछड़ी जातियां (2.48) हैं।

सर्वे करने वाले राज्य योजना विभाग ने रविवार को राज्य नागरिक आपूर्ति मंत्री एन उत्तम कुमार रेड्डी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट उप-समिति को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। मंत्री ने कहा कि रिपोर्ट चार फरवरी को राज्य मंत्रिमंडल के समक्ष पेश की जाएगी। उसी दिन इसे बहस के लिए विधानसभा के विशेष सत्र में रखा जाएगा।

संख्या के लिहाज से, अनुसूचित जातियों की जनसंख्या 61,84,319, अनुसूचित जनजातियों की 37,05,929, मुस्लिम अल्पसंख्यकों के अलावा पिछड़ी जातियों की जनसंख्या 1,64,09,179 है। वहीं, मुस्लिम अल्पसंख्यकों में पिछड़ी जातियों की जनसंख्या 35,76,588 है, मुस्लिम (ओसी) की जनसंख्या 8,80,424 है।

रेड्डी ने संवाददाताओं को बताया कि राज्य में कुल मुस्लिम प्रतिशत 12.56 है। राज्य में कुल मकानों की संख्या 1,15,78,457 है, जबकि सर्वेक्षण किए गए कुल मकानों की संख्या 1,12,15,134 है। तेलंगाना पिछड़े वर्ग की श्रेणी में पिछड़े मुसलमानों को आरक्षण प्रदान करता है।

रेड्डी ने रिपोर्ट को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि सर्वेक्षण में 3,54,77,554 व्यक्तियों (जनसंख्या का 96.9 प्रतिशत) को शामिल किया गया। उन्होंने कहा कि 3.1 प्रतिशत आबादी (16 लाख) इस सर्वेक्षण से बाहर रह गई, क्योंकि वे या तो उपलब्ध नहीं थे या उन्होंने इसमें भाग लेने में रुचि नहीं दिखाई। मंत्री ने कहा, ‘‘रिपोर्ट तैयार करने की यह प्रक्रिया और रिपोर्ट तेलंगाना सरकार के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि है, जो देश के सामाजिक इतिहास में दर्ज हो जाएगी।’’

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनाव के समय व्यापक सामाजिक-आर्थिक, रोजगार, राजनीतिक और जातिगत सर्वेक्षण कराने का वादा किया था। यह सर्वेक्षण छह नवंबर, 2024 से 50 दिनों में किया गया।

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