Hindi Newsदेश न्यूज़Supreme Court refuses to entertain PIL on protection of Hindus in Bangladesh minority violence

बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार को लेकर दायर याचिका खारिज, सुप्रीम कोर्ट ने क्यों नहीं की सुनवाई

  • याचिका में सुप्रीम कोर्ट से केंद्र सरकार को न्याय के हित में निर्देश देने के लिए कहा गया था। इसमें कहा गया कि बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचार हो रहा है।

Niteesh Kumar लाइव हिन्दुस्तानMon, 24 Feb 2025 01:47 PM
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बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार को लेकर दायर याचिका खारिज, सुप्रीम कोर्ट ने क्यों नहीं की सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने बांग्लादेश में हिंदुओं और बाकी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की खंडपीठ ने कहा कि यह विदेशी मामलों से संबंधित मुद्दा है। ऐसे में अदालत दूसरे देश के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी नहीं कर सकती। इसके बाद याचिकाकर्ता ने अपनी जनहित याचिका वापस ले ली और मामला खारिज कर दिया गया। लुधियाना के व्यवसायी राजेश ढांडा की ओर से यह पीआईएल दाखिल की गई थी। वह लुधियाना स्थित भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा महोत्सव समिति के अध्यक्ष भी हैं।

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एससी में दायर याचिका में यह भी मांग की गई कि भारत आने वाले हिंदुओं के लिए नागरिकता के आवेदन पर विचार करने की समय सीमा बढ़ाई जाए। याचिका में शीर्ष अदालत से केंद्र सरकार को न्याय के हित में निर्देश देने के लिए कहा गया था। इसमें दावा किया गया कि बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचार हो रहा है। उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। ऐसे अपराधों को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय कानूनों से मान्यता प्राप्त राजनयिक या दूसरे कदम उठाने चाहिए। याचिका में विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय को भी निर्देश देने की मांग की गई थी। ताकि, बांग्लादेश में भारत के उच्चायोग को धार्मिक और राज्य प्रायोजित उत्पीड़न का सामना कर रहे प्रभावित हिंदू अल्पसंख्यकों की सहायता की जा सके।

अल्पसंख्यकों पर हमले की बात से इनकार

बांग्लादेश के सीमा सुरक्षा बल के प्रमुख ने बीते दिनों दावा किया कि शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद अल्पसंख्यकों पर हमले नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा कि उनके देश में अल्पसंख्यकों पर हमलों की खबरों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया। सिद्दीकी ने कहा कि उनके देश के प्राधिकारियों ने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए कदम उठाए। उन्होंने उदाहरण दिया कि उनकी सेना ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अपने अधिकार क्षेत्र के 8 किलोमीटर के भीतर दुर्गा पूजा पंडालों को व्यक्तिगत रूप से सुरक्षा प्रदान की है। उन्होंने कहा, ‘हाल के दिनों में अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों के बारे में मैं कहूंगा कि इसे काफी बढ़ा चढ़ाकर पेश किया गया और ईमानदारी से कहूं तो अल्पसंख्यकों पर ऐसे हमले नहीं हुए।’

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